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आजकल युवाओं में सांप के जहर से नशा करने का चलन बढ़ता जा रहा है. रेव पार्टियों में सांप के जहर की डिमांड भी काफी बढ़ गई है. कई स्टडी बताती हैं कि सांप के जहर का नशा हफ्तों तक रहता है.

यूट्यूबर एल्विश यादव गिरफ्तार हो गए हैं. सांपों के जहर का इस्तेमाल करने के आरोप में एल्विश को गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट ने एल्विश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

मामले में पुलिस ने पिछले साल 3 नवंबर को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें एल्विश समेत छह लोगों को आरोपी बनाया गया था. पांच आरोपियों को पिछले साल ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वो अभी जमानत पर रिहा हैं.

उसी दिन नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 के एक बैंक्वेट हॉल से 5 कोबरा समेत 9 सांप और 20 मिलीलीटर सांप का जहर जब्त किया था. हालांकि, एल्विश इस पार्टी में नहीं थे, लेकिन मामले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है.

बहरहाल, सांप के जहर को ड्रग के तौर पर इस्तेमाल करने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. रेव पार्टियों में सांप के जहर की डिमांड भी बढ़ रही है. ऐसे में जानते हैं कि सांप के जहर में ऐसा क्या है, जो नशे के लिए युवा इसकी ओर खींचे जा रहे हैं? इसे इन दो केस स्टडी से समझ सकते हैं…

– पहला केस

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में राजस्थान के एक युवा की स्टडी छपी है. युवा को सांप के जहर से नशा करने की लत हो गई थी.

स्टडी के मुताबिक, उस युवक को सिगरेट और शराब की भयानक लत थी. वो कभी-कभी गांजा और दूसरे सूखे नशे भी करता था. फिर उसे अपने किसी दोस्त के जरिए सांप के जहर से नशा करने के बारे में पता चला.

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उसने वहीं पर खानाबादोश सपेरों से एक सांप लेकर उसे अपनी जीभ पर कटवाया. स्टडी के दौरान उस युवक ने बताया कि सांप के काटने के बाद पहले तो उसे सबकुछ धुंधला दिखने लगा और फिर ‘ब्लैकआउट’ हो गया.

बेहोशी के बाद जब वो होश में आया तो उसके अंदर एक अलग एनर्जी थी. वो खुद को तरोताजा महसूस कर रहा था. उसकी अंदर यही एनर्जी 3-4 हफ्तों तक रही. इस दौरान न तो उसे सिगरेट पीने का मन किया और न ही शराब की तलब लगी.

लेकिन तीन-चार हफ्तों बाद उसे फिर सिगरेट-शराब और गांजे की तलब लगने लगी. थकावट भी होने लगी. उसने फिर सांप के जहर से नशा किया. बार-बार सांप के जहर से नशा करने का असर ये हुआ कि जो एनर्जी उसे पहले 3-4 हफ्तों तक महसूस होती थी, अब वो एक या दो हफ्ते तक ही रहती.

– दूसरा केस

इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्मेसी में भी मई 2022 में एक ऐसे ही युवक की स्टडी पब्लिश हुई थी. युवक की उम्र मात्र 19 साल थी. और उसे भी सिगरेट-शराब की जबरदस्त लत थी. वो 6 साल से गांजा भी ले रहा था.

युवक को अपने दोस्तों के जरिए सांप के जहर के नशे के बारे में पता चला. उसने दूसरे शहर से एक सांप मंगवाया. सांप में एक केमिकल इंजेक्ट किया. उसके बाद उसने सांप को अपनी जीभ पर कटवाया. इससे उसे जबरदस्त खुशी महसूस हुई, नींद उड़ गई और एनर्जी भर गई.

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सांप के जहर का नशा लगभग हफ्तेभर तक रहता. इस दौरान उसे दूसरे नशे करने की जरूरत ही नहीं पड़ी. इसके बाद उसने कई बार ऐसा किया. जब परिजनों को पता चला तो उसका इलाज करवाया.

सांप का जहर क्यों हाई कर देता है?

सांप का जहर लेने पर वैसा नशा नहीं होता, जैसा शराब पीने पर होता है. लेकिन इसका जहर नर्वस सिस्टम पर ऐसा असर करता है, जिससे नशा महसूस होता है.

दरअसल, सांप के जहर में न्यूरोटॉक्सिन पाया जाता है. और जब ये शरीर में जाता है तो ये न्यूरोट्रांसमिशन पर असर डालता है. इसका असर आमतौर पर 6 से 7 दिन तक बना रहता है.

क्या असर डालता है जहर?

सांप के जहर का प्रभाव बढ़ाने के लिए नशेड़ी पहले सांप को केमिकल का इंजेक्शन लगाते हैं. उसके बाद जानबूझकर अपनी जीभ या होंठ पर कटवाते हैं.

सांप के जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सि नर्वस सिस्टम को टारगेट करता है, जिससे वो कमजोर हो जाता है. इसके अलावा इससे मांसपेशियों में कमजोरी, पैरालिसिस और मेंटल स्टेट में बदलाव जैसे कई प्रभाव दिखते हैं.

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में 2014 में रिसर्च पेपर छपा था. इसमें दावा किया गया था कि भारत में सबसे ज्यादा कोबरा, बुंगारस कैर्यूलस (कॉमन क्रेट) और ओफियोड्रिस वर्नालिस (हरा सांप) के जहर को नशे के लिए इस्तेमाल किया जाता है. रिसर्चर ने पाया कि सांप के जहर के आदि लोगों को वैसा ही महसूस होता है, जैसा निकोटीन लेने के बाद होता है.

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वैज्ञानिकों ने ये भी पाया कि सांप का जहर मस्कैरेनिक रिसेप्टर्स पर प्रभाव डालता है, जिससे याद्दाश्त कमजोर होने के अलावा शरीर पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं.

खून में मिलकर ऐसा होता है असर

2021 में इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी की एक स्टडी बताती है कि 60 फीसदी से ज्यादा सांपों का जहर सूखा होता है. जबकि, कोबरा का जहर ठीक वैसा ही नशा करता है, जैसा मॉर्फिन लेने के बाद होता है.

स्टडी में बताया गया है कि जब सांप का जहर किसी व्यक्ति के खून में मिलता है, तो ये सेरोटोनिन, ब्रैडीकाइनिन जैसे केमिकल छोड़ता है. ये धीरे-धीरे अपना असर दिखाते हैं. इनमें से कुछ केमिकल सीधे दिमाग पर असर करते हैं, जिससे शांति महसूस होती है.

स्टडी में ये भी कहा गया है कि ज्यादातर लोग सांप के जहर से नशा इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके बाद उनकी पर्सनैलिटी बदल जाएगी, वो पहले से ज्यादा स्ट्रॉन्ग फील करेंगे. मगर असल में ये कमजोर करता जाता है.

हालांकि, सांप के जहर से नशा करने पर मौत नहीं होती है. वैज्ञानिक इसी बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर सांप के जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिक से किसी व्यक्ति की मौत क्यों नहीं होती.

कितना महंगा होता है सांप का जहर 

ये इसपर तय करता है कि सांप कौन सी किस्म का है. आमतौर पर सांपों के एक ग्राम जहर की कीमत साढ़े 4 सौ डॉलर से लेकर साढ़े 7 सौ डॉलर तक होती है. देश के मुताबिक भी ये कीमत कम-ज्यादा होती रहती है.

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