खबर शेयर करें -

अभी तक वन भूमि पर बने 337 धार्मिक स्थल चिन्हित किए जा चुके हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अतिक्रमण की सीमा में जो भी आएगा, उसे हटाया जाएगा। केवल वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 से पहले बने धार्मिक स्थलों को इससे बाहर रखा जाएगा।

उत्तराखंड में बढ़ता कोरोना का कहर, हल्द्वानी में कोरोना संक्रमित पांच माह के बच्चे की मौत

प्रदेश में वन भूमि पर अवैध रूप से बने मंदिर, मस्जिद और मजार सब तोड़े जाएंगे। इसके लिए युद्धस्तर पर काम चलेगा। कुछ लोग इस कार्रवाई को धार्मिक चश्मे से देख रहे हैं। लेकिन, सरकार की मंशा साफ है कि वन भूमि के अतिक्रमण पर समान रूप से कार्रवाई होगी। यह बात वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अमर उजाला से बातचीत में कही।

यह भी पढ़ें -  खुदकुशी से पहले क्यों बन गया स्री? 22 साल का लड़का साड़ी पहन फंदे से लटका; लिपिस्टिक-काजल भी लगाया

मंत्री ने कहा कि अभी तक कुल 337 धार्मिक अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। अतिक्रमण की सीमा में जो भी आएगा, उसे हटाया जाएगा। केवल वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 से पहले बने धार्मिक स्थलों को इससे बाहर रखा जाएगा।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड : बड़ा खुलासा लालकुआं नकली नोटों का सरगना,ऑनलाइन गेमिंग हर महीने आते थे करोड़ों रुपए जानिए

उन्होंने बताया कि इस संंबंध में प्रभागवार रेंज स्तर पर डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। सभी प्रभागों से डाटा मिल जाने पर इसका खुलासा होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई नई नहीं है, लेकिन इसमें तेजी लाने के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है।

यह भी पढ़ें -  मदरसा बोर्ड भंग करने की सिफारिश, उत्तराखंड में बढ़ी हलचल, बाल आयोग अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान

सेवानिवृत्त जिला शिक्षाधिकारी पर शिक्षा विभाग की गोपनीय अभिलेखों से छेड़छाड़ का आरोप, कार्रवाई की उठी मांग

सरकार के निर्देश पर इस कार्रवाई के तहत कुछ प्रभागों में चिह्नित किए गए अतिक्रमण हटाए भी गए हैं, लेकिन कुछ प्रभागों की ओर से अब तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसीलिए इस मामले में नोडल अधिकारी की तैनाती के साथ ही उनकी जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।

You missed