कनाडा ने गुरुवार को अपने इतिहास की सबसे बड़ी चोरी में से एक का पर्दाफाश किया. टोरंटो के पीयरसन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई इस घटना में सोने, नकदी और हथियारों की तस्करी का खुलासा हुआ.
कनाडा ने गुरुवार को अपने इतिहास की सबसे बड़ी चोरी में से एक का पर्दाफाश किया. टोरंटो के पीयरसन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई इस घटना में सोने, नकदी और हथियारों की तस्करी का खुलासा हुआ. ये पूरा मामला किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म की कहानी जैसा लगता है, जिसने जांचकर्ताओं को करोड़ों डॉलर के इस चक्कर को सुलझाने में उलझा दिया है. पिछले साल 17 अप्रैल को टोरंटो के पीयरसन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक बड़ी चोरी हुई थी. एयरपोर्ट के सुरक्षित स्टोर रूम से करीब 22 करोड़ कैनेडियन डॉलर मूल्य का सोने का सामान और विदेशी मुद्रा गायब हो गई. चोरों ने ये सब चुराने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
एयरपोर्ट से रातोंरात चोरी हो गया था 400 किलो सोना
पिछले साल 17 अप्रैल को स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख से एक एयर कनाडा की फ्लाइट कनाडा के पीयरसन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची. इस फ्लाइट में 400 किलो वजन के 6,600 सोने के बिस्किट (99.99% शुद्ध सोना) और साथ में ढाई करोड़ कैनेडियन डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा भी थी. यह सारा कीमती सामान एयरपोर्ट के अंदर सुरक्षित जगह पर रखने के लिए लाया गया था, लेकिन वहां कभी पहुंच ही नहीं पाया. सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ कि किस तरह से एक संदिग्ध व्यक्ति मिनी ट्रक चलाकर गोदाम के पास आया और गोल्ड बार और नकद से भरे कंटेनर को उसमें लोड करके ले गया. ये कीमती सामान कुछ ही घंटों में रात के अंधेरे में गायब हो गया.
चोरी की वजह से कई देशों में जांच-पड़ताल
इस चोरी की वजह से कई देशों में जांच-पड़ताल शुरू हो गई. एयरपोर्ट की इस चोरी में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले कनाडा की सरकारी विमान सेवा (एयर कनाडा) के ही कुछ कर्मचारी थे. इन कर्मचारियों पर चोरी की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद करने का आरोप है. गिरफ्तार किए गए लोगों में एयर कनाडा के पूर्व और वर्तमान कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें परमपाल सिद्धू और सिमरन प्रीत पनेसर जैसे नाम शामिल हैं. विमान सेवा में काम करने की वजह से उन्हें अंदर की महत्वपूर्ण जानकारी थी, जिसका इस्तेमाल करके उन्होंने ये चोरी करवाई.
अगली सुबह ही पुलिस को पता चला कि कीमती सामान गायब
अगली सुबह ही पुलिस को पता चला कि कीमती सामान गायब है. इसके बाद कई देशों की मदद से जांच शुरू हुई. महीनों की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली. कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया, छापे मारे गए और इस चोरी से जुड़े लोगों का पूरा नेटवर्क सामने आने लगा. इस जांच में पता चला कि इस चोरी में कई लोग शामिल थे, जिनमें से कुछ भारतीय मूल के भी थे. ये मामला सिर्फ चोरी तक सीमित नहीं रहा. एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में अमेरिका-कनाडा सीमा पर दोनों देशों की पुलिस ने मिलकर काम किया और पता चला कि चोरी हुए सोने का इस्तेमाल हथियारों की तस्करी के लिए किया जा रहा था.
ब्रैम्पटन के 25 वर्षीय डुरंटे किंग-मैकलीन की अमेरिका में गिरफ्तारी से एक और अपराधी जाल का पता चला. इससे ये भी सामने आया कि सोना चुराने वाले गिरोह का कनाडा में हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह के साथ संबंध था.