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केनरा बैंक की मुखानी शाखा में दोपहर के समय अचानक गार्ड की पोनिया बंदूक से फायर हो गया। गोली सीधे स्टील की कुर्सी में जाकर लगी। फायर में निकले छर्रे से कुछ लोग मामूली घायल हो गए। माना जा रहा है कि गोली गलती से चल गई।

बैंक में दोपहर के समय सब अपने काम में व्यस्त थे। मुख्य गेट के पास ही गार्ड चंद्र प्रकाश जोशी बैठा हुआ था। सामने मेज पर उसकी दो बैरल की पोनिया बंदूक रखी थी। गार्ड का हाथ बंदूक के ट्रिगर से टकराया और तुरंत ही फायर हो गया। गोली ने कुर्सी में छेद कर दिया और आगे की कुर्सी से भी टकरा गई।

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कुर्सियां बंदूक के सामने पीछे की तरफ से मौजूद थीं। आगे की कुर्सी में भी गोली का साफ निशान दिख रहा है। पहले तो बैंक में मौजूद लोगों को कुछ समझ नहीं आया लेकिन जब पता चला कि गोली चली तो अफरा-तफरी मच गई। बैंक के ग्राहक निकलकर बाहर भाग गए।

गार्ड भी हतप्रभ रह गया। सूचना पर कोतवाल उमेश मलिक और मुखानी थाना पुलिस पहुंची। गार्ड से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसका हाथ केवल बंदूक के पास था और फायर हो गया। पुलिस ने तुरंत ही बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे तो पता चला कि गार्ड का हाथ ट्रिगर से टकराने से ही गोली चली है। गार्ड गोली चलाने की अवस्था में नहीं दिखा। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि गोली गलती से चली है। कोतवाल ने बताया कि बंदूक को कब्जे में ले लिया गया है। साथ ही गार्ड से और भी पूछताछ की जाएगी।

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टली बड़ी घटना 
गनीमत है कि गोली चलने के दौरान बंदूक के निशाने पर कोई इंसान नहीं था, नहीं तो जानलेवा हादसा हो सकता था। गोली ने धातु की बनी कुर्सी में करीब ढाई इंच छेद कर दिया है। साथ ही उसने आगे की कुर्सी में भी निशान भी बना दिया। अगर उस समय कुर्सी पर भी कोई बैठा होता तो तब भी वह घायल हो सकता था।

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आज तक नहीं चली गोली, आज कैसे चल गई
गार्ड चंद्र प्रकाश ने बताया कि वह आर्मी से सेवानिवृत्त है। कई सालों से गार्ड की नौकरी कर रहा है। आज तक उससे कोई गलती नहीं हुई। इस बार कैसे गोली चली गई, उसे खुद समझ में नहीं आ रहा।

बंदूक लोड कैसे हो गई
बंदूक से तब तक गोली नहीं चल सकती है जब तक वह लोड न हो। बैंक में मौजूद बंदूक को जरूर लोड किया गया है। गार्ड इस बात से मना कर रहा है कि उसने बंदूक को लोड किया था। उसका कहना था कि शायद किसी और ने बंदूक को लोड कर दिया होगा।