जंगल की ओर बढ़ रहे थे मासूम कदम, काल बनकर खड़ा था अंधेरा; पर देवदूत बन गई लालकुआं पुलिस और समाजसेवी!”
लालकुआं (अग्रसर भारत न्यूज)। कहते हैं ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। लालकुआं में मंगलवार की शाम यह कहावत चरितार्थ होती दिखी, जब घर से भटक कर घने जंगल…

