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स्कूल ने जिन 245 छात्रों को पंजीकृत दिखाया था, उनमें से 86 छात्रों का डाटा ही बदल दिया। ये छात्र प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के थे, जो कि न तो स्कूल में कक्षा लेते थे और न ही यहां के मूल छात्र थे। सीबीएसई ने तत्काल इन छात्रों के 2023 की 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी थी।

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने फर्जी दाखिले करने वाले मांडूवाला स्थित लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल की 12वीं की मान्यता खत्म कर दी है। अब यह स्कूल केवल 10वीं तक के बच्चों को ही पढ़ाएगा। सीबीएसई ने स्कूल प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह इस सत्र में पढ़ रहे 11वीं के बच्चों को किसी अन्य स्कूल में शिफ्ट कराए।

लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल का यह फर्जीवाड़ा सीबीएसई क्षेत्रीय अधिकारी के एक आदेश से खुला। स्कूल ने जिन 245 छात्रों को पंजीकृत दिखाया था, उनमें से 86 छात्रों का डाटा ही बदल दिया। ये छात्र प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के थे, जो कि न तो स्कूल में कक्षा लेते थे और न ही यहां के मूल छात्र थे।

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सीबीएसई ने तत्काल इन छात्रों के 2023 की 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी थी। परेशान छात्रों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर स्कूल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश हुए थे। आदेश के तहत प्रेमनगर थाने में मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। सीबीएसई ने पूरे प्रकरण में स्कूल का फर्जीवाड़ा, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के आधार पर 12वीं की मान्यता खत्म कर दी है। अब यह स्कूल 10वीं तक के बच्चों को ही पढ़ा सकेगा।

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12वीं के छात्र कोर्ट के आदेश पर देंगे एग्जाम

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सीबीएसई के मुताबिक, 12वीं के जिन 86 छात्रों को परीक्षा से रोका गया था, वह कोर्ट के आदेश पर एग्जाम में बैठेंगे। इनका रिजल्ट कोर्ट के आदेश पर ही निर्भर करेगा।

बच्चे बोले-कभी नहीं देखा स्कूल

सीबीएसई ने जब कोचिंग संस्थान के छात्रों के फर्जी दाखिला मामले की जांच की तो पाया कि बच्चों को स्कूल के बारे में जानकारी ही नहीं है। बच्चों का कहना था कि वह उस स्कूल के छात्र जरूर हैं लेकिन उन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा।

इससे पहले बीडीएम हर्बटपुर की गई थी मान्यता

सीबीएसई ने इससे पहले बीडीएम स्कूल हर्बटपुर को भी कदाचार का दोषी मानते हुए 12वीं की मान्यता खत्म कर दी थी। यह स्कूल भी केवल 10वीं तक ही छात्रों को पढ़ा सकता है।

2019 के फर्जीवाड़े में भी चल रही स्कूल की जांच

लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल का यह पहला फर्जीवाड़ा नहीं है। दाखिलों में गड़बड़ी से संबंधित एक अन्य अनियमितता की जांच शिक्षा विभाग के स्तर पर वर्ष 2019 से चल रही है। आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है।ये भी
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माफिया के शिकंजे में फंस रहे छात्र

पिछले कुछ वर्षों में राजधानी दून में ऐसे कई कोचिंग सेंटर खुले हैं जो अन्य राज्यों के बच्चों को हसीन सपने दिखाकर दून लाते हैं। उनकी 11वीं, 12वीं पढ़ाई के साथ ही कोचिंग का ठेका महंगी फीस पर ले लेते हैं। जो भी स्कूल सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन करेगा। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों से अपील है कि वह इस तरह के कोचिंग संस्थानों के झांसे में न आएं, जहां लालच देकर एडमिशन दिया जाता हो। -रणबीर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी एवं संयुक्त सचिव, सीबीएसई देहरादून

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