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सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है. इस कैंसर से हर साल सबसे ज्यादा महिलाओं की मौत होती है. लेकिन अब इसे आसानी से फर्स्ट स्टेज में ही पहचाना जा सकता है.

ताकि वक्त रहते इसका इलाज किया जा सके.

सर्वाइकल इंट्राएपिथेलियल नियोप्लाजिया टेक्निक

दरअसल, एम्स (AIIMS) ने एक स्वदेशी कोलोनोस्कोपी टेक्निक बनाया है. जो स्वास्थ्य कर्मचारी को सर्वाइकल इंट्राएपिथेलियल नियोप्लाजिया (सीआईएन) के जरिए कैंसर के शुरुआती चरण यानि फर्स्ट स्टेज में आसानी से पता लगाया जा सकता है. 40 सेकंड में थर्मल एब्लेशन के जरिए इसका इलाज किया जाएगा.

सर्वाइकल कैंसर से जुड़े सभी तरह के सवालों के जवाब जानने के लिए हमने कोलकाता के मशहूर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रशांत पाडेय से खास बातचीत की. डॉक्टर प्रशांत पाडेय सभी तरह के कैंसर पर काफी रिसर्च भी कर चुके हैं. ‘

एबीपी हिंदी लाइव’ से खास बातचीत में डॉक्टर प्रशांत ने कैंसर को लेकर खुलकर बात की. सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे प्रमुख कैंसर है. रिपोर्ट के मुताबिक हर 95 हजार महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित होती हैं. वहीं 60 हजार महिलाओं की हर साल इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है.

डॉक्टर प्रशांत ने सर्वाइकल कैंसर जब फर्स्ट स्टेज में होता है. तब शरीर पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं. इस पर खुलकर बात की है. लक्षणों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि यदि अचानक से आपका वजन कम हो रहा है.

शरीर के नीचले हिस्से में दर्द है तो यह सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है.

इस कैंसर में एक प्री-कैंसर स्टेज भी होती है जो कैंसर से पहले की स्टेज होती है. इसे प्रीकैंसर स्टेज से कैंसर तक बढ़ने में सालों लग जाते हैं.

इन सभी लक्षणों के साथ-साथ आपके बाल झड़ते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

पीरियड्स के वक्त बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और कमर के हिस्से में दर्द कई बार सर्वाइकल कैंसर के कारण हो सकते हैं.

स्वदेशी कोलोनोस्कोपी टेक्निक

यह एक खास तरह की टेक्निक है. जो पुरानी कोलोनोस्कोपी की तुलना में ज्यादा महंगी और टफ है. यह काफी ज्यादा किफायती और इस्तेमाल में काफी आसान है. यह गांव से लेकर शहरों तक के हॉस्पिटल में लगाई जा सकती है. इस टेक्निक से महिलाओं को काफी ज्यादा फायदा होगा.

काम करने का तरीका

यह एक AI टेक्निक है. जिसे सर्विक्स के सेल्स में डालकर कैंसर सेल्स की पहचान की जाती है. यह स्वास्थ्य कर्मियों को सीआईएन घावों का सटीक पता लगाने और थर्मल एब्लेशन के जरिए हटाने में सक्षम होती है.

थर्मल एब्लेशन

थर्मल एब्लेशन के जरिए 40 सेकंड में इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है. इस दौराम दर्द भी कम होता है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.