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उत्तराखंड के देहरादून में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. आरोपी ने इसी तरह करीब 50 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है. पुलिस ने इस केस की पड़ताल शुरू कर दी है.

सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देकर करीब 1.5 करोड़ रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. इस मामले में देहरादून की पटेल नगर कोतवाली में पुलिस ने पीड़ितों की तहरीर पर निजी कोचिंग इंस्टिट्यूट के संचालक पर मुकदमा दर्ज किया है.

आरोपी ने कर्मचारियों की सैलरी भी नहीं दी:

बताया जा रहा है कि आरोपी दशहरे की छुट्टियां के दौरान कोचिंग सेंटर से सामान लेकर फरार हो गया. आरोपी के खिलाफ कोचिंग सेंटर के कर्मचारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि आरोपी संचालक ने उनकी सैलरी भी नहीं दी है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

पीड़ित यूपी के वाराणसी का रहने वाला:

केके राय निवासी वीरपुर गाजीपुर जिला वाराणसी ने 28 अक्टूबर को पटेल नगर कोतवाली को तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका भतीजा मुकेश ने नीट की परीक्षा दी थी, लेकिन वह चार नबंर से रह गया था. इसके बाद केके राय ने चार जुलाई को विनायक ने संपर्क किया.

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नाम पर दिया धोखा: 

आरोप है कि विनायक ने केके राय को बताया कि वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के लिए काम करता है, उसका देहरादून के जीएमएस रोड पर कोचिंग इंस्टिट्यूट भी है. विनायक ने केके राय को भरोसा दिया कि जो छात्र नीट परीक्षा में कम नंबरों से फेल हो जाते है, वह उन्हें भारत सरकार के विशेष कोटे से देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाता है.

विश्वास दिलाने के लिए किया ये काम:

साथ ही आरोपी ने पीड़ित को छात्रों के अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दाखिले संबंधी वीडियो भी भेजें और विश्वास दिलाया. इसी तरह से केके राय आरोपी की बातों में आ गया और छात्रों के परिजनों ने जब फीस की बात की तो आरोपियों ने बताया कि सबसे पहले 50000 रुपए का बैक ड्राफ्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के नाम बनेगा, जिसमें 8000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लगेगी और 42000 रुपए वापस हो जाएंगे.

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खाते में जमा कराया पैसे: 

आरोपी की बातों पर विश्वास कर पीड़ित ने सरकार के नाम कई छात्रों ने ड्राफ्ट बना दिया. इसके बाद आरोपी ने कहा कि एमबीबीएस के दाखिले के लिए 35 लाख रुपए लगेंगे. इसके लिए पहले 10 से 20 प्रतिशत टोकन मनी के रूप में देनी होगी, जिसके बाद परिजनों ने ढाई से तीन लाख रुपए दे दिए और यह धनराशि बैंक आफ इंडिया आईएसबीटी शाखा में जमा कराए गए.

ठगी के बाद 50 से ज्यादा मामले सामने आए:

उसके बाद 18 अक्टूबर को आरोपी ने अपने स्टाफ से कहा कि इंस्टिट्यूट दशहरा के चलते 18 से 24 नवंबर तक बंद रहेगा. आरोप है कि इस दौरान आरोपी कोचिंग में रखे सामान को लेकर फरार हो गया. बताया जा रहा है कि अब तक करीब 50 से ज्यादा पीड़ित समाने आ चुके है और एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी कर चुके है.

पीड़ित की तहरीर के आधार पर कोचिंग संचालक के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया. वहीं इंस्टिट्यूट में काम करने वाले सात से आठ युवक युवतियों ने भी शिकायत दर्ज कराई है कि जुलाई में इंस्टिट्यूट शुरू किया गया था और उसे समय अच्छे वेतन पर काम करने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्हें अब तक वेतन नहीं दियाय जब दशहरे की छुट्टियां खत्म होने के बाद सभी युवक युवतियां इंस्टिट्यूट पहुंचे तो पता चला कि संचालक फरार हो चुका है. साथ ही आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज से इंस्टिट्यूट के लिए भवन किराए पर लिया था और उसका भी किराया नहीं चुकाया है.

इस ममले में कोतवाली पटेलनगर प्रभारी सूर्यभुषण नेगी ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर एक्सीलेंट एजुकेशन कोचिंग इंस्टिट्यूट के संचालक के खिलाफ धोखधड़ी का मुकदमा दर्ज किया. साथ ही कोचिंग इंस्टिट्यूट में काम करने वाले सात से आठ युवक युवतियों ने भी सैलरी नहीं मिलने पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. आरोपी का आधार कार्ड दिल्ली का है और बैंक खाता इंस्टिट्यूट के पते पर खोल रखा था. पीड़ित ने जिस खाते में रुपए जमा करवाए है, उन बैंक खातों की जांच कराई है. पुलिस इस मामले में हर पहलुओ की जांच कर रही है और फरार आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी.

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