शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के अनुसार 22 नवंबर 2018 को सहसपुर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने सहसपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी 17 वर्षीय बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ती है। सुबह घर से स्कूल के लिए निकली और शाम को वापस नहीं लौटी। जांच पड़ताल में पता चला कि आशिक उर्फ चांद मोहम्मद निवासी सहसपुर उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया
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सहसपुर क्षेत्र की एक किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपित को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की साजा सुनाई। स्पेशल जज पोक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने दोषी पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। दोषी ने किशोरी के साथ निकाह किया, जिससे एक बेटा भी पैदा हुआ।
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के अनुसार, 22 नवंबर 2018 को सहसपुर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने सहसपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी 17 वर्षीय बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ती है। सुबह घर से स्कूल के लिए निकली और शाम को वापस नहीं लौटी। स्वजन ने जब अपने स्तर से पड़ताल की तो उन्हें पता चला कि आशिक उर्फ चांद मोहम्मद निवासी सहसपुर उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है।
वह अपनी मर्जी से चांद मोहम्मद के साथ गई थी। बताया कि उन्होंने भागने से पहले ही निकाह कर लिया था। उसकी जन्मतिथि 20 जून 2001 है, जिसके अनुसार वह तब बालिग हो गई थी। उनका आठ नवंबर 2019 को एक पुत्र भी हुआ। न्यायालय में जब ट्रायल शुरू हुआ तो पीड़िता के पिता ही अपने बयानों से मुकर गए। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में यह सिद्ध कर दिया कि नाबालिग रहते ही चांद मोहम्मद ने पीड़िता से दुष्कर्म किया था।
अभियोजन ने कोर्ट को बताया कि जिस वक्त पीड़िता का अपहरण हुआ उस वक्त वह 17 साल पांच माह की थी। जब पुलिस ने उसे 19 अक्टूबर 2019 को बरामद किया तो उस वक्त उसकी उम्र करीब 18 वर्ष चार माह थी, लेकिन उस वक्त वह आठ माह की गर्भवती हो चुकी थी। नाबालिग साबित होने के कारण स्पेशल जज पोक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने अपहरण और दुष्कर्म के आरोपों को सही मानते हुए आरोपित को दोषी करार दिया।
हल्द्वानी – महिलाओं और बच्चों को घर में घुसकर पीटा; गर्भवती के पेट पर लात मारकर कपड़े फाड़े;