त्योहारी सीजन में पूड़ी पकवान बनाने में रिफाइंड आयल का प्रयोग खूब होता है। इस त्योहारी सीजन में रिफाइंड आयल के दाम कम होने से आम लोगों को महंगाई से काफी राहत मिली है। आयल के दाम विगत चार माह में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। अलग कंपनियों के रिफाइंड की औसत कीमत 100 रुपये प्रति लीटर है। वहीं जीरा और प्याज पर महंगाई छायी हुई है।
त्योहारी सीजन में पूड़ी पकवान बनाने में रिफाइंड आयल का प्रयोग खूब होता है। इस त्योहारी सीजन में रिफाइंड आयल के दाम कम होने से आम लोगों को महंगाई से काफी राहत मिली है। आयल के दाम विगत चार माह में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। अलग कंपनियों के रिफाइंड की औसत कीमत 100 रुपये प्रति लीटर है। वहीं जीरा और प्याज पर महंगाई छायी हुई है।
एक महीने पहले 300 से 400 रुपये प्रति किलो वाला जीरा अब 600 से 700 के दाम में बिक रहा है। इसकी आपूर्ति राजस्थान, गुजरात से होती है। किराना बाजार से निकलकर मंडी जाएं तो प्याज के दाम चढ़े हुए हैं। नासिक से आने वाला प्याज थोक मंडी में 50 रुपये प्रति किलो की दर से आ रहा। फुटकर बाजार में दाम 60-80 रूपये तक हैं। गल्ला मंडी एसोसिएशन के मंत्री राकेश गुप्ता ने बताया कि विश्व भर में ही खाद्य तेल पर कमी आयी है। त्योहारी सीजन में इसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिल रहा। इस समय चार महीने में सबसे निचले स्तर पर दाम हैं।
खाद्य तेल 40 से 50 फीसदी हुई सस्ती
इस समय अलग ब्रांड के खाद्य तेलों पर 40 से पचास फीसदी की कमी आयी हैं। बाजार में मांग अभी ठीक हैं। दाम कम होने से ग्राहक भी खुश हैं। वहीं जीरे के दामों में अचानक वृद्धि हुई हैं। एक महीने में ही करीब दोगुना कीमत बढ़ गई है। थोक बाजार में महंगा माल आने के कारण फुटकर बाजार प्रभावित हुआ है।