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साल 2011 में शिष्या के साथ दुष्कर्म करने के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में केस चल रहा है. इस मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरेंट भी जारी किया गया था. मगर, आज तक कोर्ट में पेश नहीं होने की वजह से उन्हें कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है.

पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को फरार घोषित कर दिया गया है. गैर जमानती वॉरेंट यानी NBW जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने धारा 82 की कार्रवाई कर चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया. एमपी-एमएलए कोर्ट में चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहा है केस.

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अब चिन्मयानंद की फरारी का नोटिस आश्रम में लगाया जाएगा. इसके बाद भी चिन्मयानंद के कोर्ट में पेश नहीं होने पर धारा 83 के तहत उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है. अब चिन्मयानंद को 16 जनवरी 2023 को कोर्ट में होना है हाजिर.

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बताते चलें कि चिन्मयानंद की शिष्या ने साल 2011 में उनके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था. मामले में चिन्मयानंद के वकील की तरफ से छात्रा और उसके दोस्तों के खिलाफ पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया गया था.

इस मामले में केस दर्ज होने के बाद से लेकर 2022 तक चिन्मयानंद एक भी पेशी पर कोर्ट नहीं गए. लिहाजा, कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.

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भाजपा सरकार बनने पर केस वापस लेने की हुई थी पहल 

वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने पर चिन्मयानंद के इस मुकदमे को वापस लेने का प्रयास शुरू किया गया, लेकिन कोर्ट ने लोकहित से जुड़ा मामला मानते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था.

बता दें कि शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. स्वामी चिन्मयानंद का ट्रस्ट इस कॉलेज को चलाता है.

 

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