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तर्कता विभाग की टीम ने राज्य कर विभाग में जीएसटी पंजीकरण के नाम पर तीन हजार की घूस लेते हुए डाटा एंट्री आपरेटर को गिरफ्तार किया है। इस मामले में राज्य कर अधिकारी की भी संलिप्तता सामने आई है जिसकी फिलहाल जांच की जा रही है। विजिलेंस की टीम दोनों के घर पर खोजबीन में जुटी है।

सतर्कता विभाग की टीम ने राज्य कर विभाग में जीएसटी पंजीकरण के नाम पर तीन हजार की घूस लेते हुए डाटा एंट्री आपरेटर को गिरफ्तार किया है। इस मामले में राज्य कर अधिकारी की भी संलिप्तता सामने आई है, जिसकी फिलहाल जांच की जा रही है। विजिलेंस की टीम दोनों के घर पर खोजबीन में जुटी है। आठ दिन पहले विजिलेंस को भीमताल निवासी व्यवसायी मनोज जोशी ने जीएसटी पंजीकरण को लेकर राज्य कर विभाग के कार्यालय में लेनदेन की शिकायत की थी। उनका कहना था कि उनका पंजीकरण घूस नहीं देने के कारण लंबे समय से लटकाया जा रहा है।

प्राथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर मंगलवार दोपहर करीब एक बजे विजिलेंस की नौ सदस्यीय टीम हल्द्वानी रोड स्थित राज्य कर विभाग के दफ्तर पहुंची। जहां टीम ने कार्यालय में उपनल के माध्यम से तैनात डाटा एंट्री आपरेटर दीपक मेहता को तीन हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

साक्ष्य मिलने पर राज्य कर अधिकारी होंगे गिरफ्तार

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जांच में कार्यालय में ही तैनात राज्य कर अधिकारी की भी संलिप्तता सामने आई। घंटों चली जांच प्रक्रिया के बाद शाम को एसपी विजिलेंस प्रहलाद मीणा भी मौके पर पहुंच गए। एसपी ने बताया कि फिलहाल दीपक मेहता को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।

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साथ ही राज्य कर अधिकारी की संलिप्तता मिलने पर उसकी भी जांच की जा रही है। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर राज्य कर अधिकारी की भी गिरफ्तारी की जाएगी। दोनों ही कर्मियों के हल्द्वानी स्थित घर पर भी विजिलेंस टीम जांच कर रही है।

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सात घंटे तक कार्यालय को खंगालती रही टीम

सूचना मिलने के बाद विजिलेंस की टीम दोपहर करीब एक बजे राज्य कर विभाग पहुंच गई। जिसके बाद बाहरी लोगों की कार्यालय में आवाजाही बंद कर दी गई। कई घंटे तक टीम डाटा एंट्री आपरेटर और राज्य कर अधिकारी से बंद कमरे में पूछताछ करती रही। टीम ने तमाम दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं। साथ ही पकड़े गए आरोपित के वायस सेंपल और अन्य साक्ष्य जुटाए हैं।