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दिल्ली एम्स की एक शाखा हल्द्वानी में खोली जाएगी. क्योंकि, किच्छा में सैटेलाइट एम्स की जगह एम्स अस्पताल ही बनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में किच्छा एम्स बनने में समय लगेगा. अब हल्द्वानी में एम्स की शाखा खोलने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए रानीबाग एचएमटी फैक्ट्री की भूमि को चयनित करने की कवायद की जा रही है. यह बात केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कही है.

किच्छा में सैटेलाइट एम्स सेंटर के बाद अब हल्द्वानी में एम्स की शाखा खोलने की कवायद की जा रही है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की मानें तो हल्द्वानी के एचएमटी परिसर में दिल्ली एम्स की शाखा खोली जाएगी. जिससे भारत-नेपाल-चीन बॉर्डर के इलाकों के साथ ही स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा. ऐसे में उन्हें इलाज के लिए देहरादून, ऋषिकेश और दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा.

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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और नैनीताल उधमसिंह नगर सांसद अजय भट्ट ने कहा कि कुमाऊं मंडल के लोगों को एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसी इलाज की सुविधा के लिए ऋषिकेश या दिल्ली जाना पड़ता है. ऐसे में काठगोदाम स्थित रानीबाग एचएमटी फैक्ट्री की भूमि पर एम्स की शाखा खोले जाने को लेकर मुख्यमंत्री धामी और एम्स के डायरेक्टर के साथ वार्ता हुई है. जिसमें सहमति भी हो चुकी है.

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उन्होंने कहा कि अभी एचएमटी भूमि उद्योग विभाग को संभवत हस्तांतरित हुई है. ऐसे में भूमि को लेकर अड़चन आ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रानीबाग में एम्स अस्पताल बनाने को लेकर सहमति जताई है. उम्मीद है कि रानीबाग स्थित एचएमटी भूमि पर दिल्ली एम्स की शाखा स्थापित हो सकती है. सांसद अजय भट्ट ने बताया कि रानीबाग में दिल्ली एम्स की शाखा खोलने से चीन बॉर्डर से लेकर नेपाल बॉर्डर के साथ पहाड़ी जिलों के गरीब मरीजों को दिल्ली एम्स जैसा बेहतर इलाज हल्द्वानी में ही मिल सकेगा.
अक्सर देखा जाता है कि पर्वतीय क्षेत्र के गंभीर रोगियों को दिल्ली या एम्स ऋषिकेश जाना पड़ता है. दिल्ली और ऋषिकेश की दूरी कुमाऊं क्षेत्र से करीबन बराबर है. दिल्ली या ऋषिकेश जाने के लिए लोगों को काफी खर्च उठाना पड़ता है. यहां तक कि इलाज में देरी के चलते मरीज को भी अपनी जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में अगर रानीबाग में दिल्ली एम्स की शाखा खुल जाती है तो कुमाऊं मंडल के साथ यूपी के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.