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कुमाऊं में युवाओं का बीएड को लेकर रुझान कम होने लगा है। हाल ये है कि कुमाऊं विवि को बीएड पाठ्यक्रम में छात्र नहीं मिल रहे हैं। इसका मुख्य कारण बीएड के बाद टीईटी की अनिवार्यता और शिक्षक पदों पर रोजगार कम होना माना जा रहा है। ऐसे में युवा वर्ग अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में फोकस कर रहे हैं।

अल्मोड़ा परिसर के विवि बनने के बाद कुमाऊं विवि से संबद्ध बीएड कॉलेजों की संख्या करीब 40 रह गई हैं, जिसमें 3900 सीटें हैं। विवि की ओर से इन सीटों के लिए तीसरी काउंसलिंग जारी की गई। बावजूद विवि को विद्यार्थी नहीं मिल रहें हैं।

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एक समय था जब बीएड पाठ्यक्रम के लिए कुमाऊं विवि में छात्र-छात्राओं को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। लेकिन अब वरीयता सूची में नाम आने के बावजूद विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले रहे हैं। 3900 सीट के सापेक्ष विवि को दूसरी काउंसलिंग के बाद मात्र 1691 अभ्यर्थी मिले जिसके बाद विवि ने तीसरी काउंसलिंग के बाद महाविद्यालय और संस्थान का आवंटन किया।

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महाविद्यालय व संस्थान आवंटित

कुमाऊं विवि ने बीएड पाठ्यक्रम-2023 में प्रवेश के लिए तृतीय चरण की ऑनलाइन काउंसिलिंग में वरीयता के आधार पर विद्यार्थियों को महाविद्यालय व संस्थान का आवंटन किया है। अभ्यर्थी www.kunainital.ac.in से आवंटन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। विवि के अनुसार 27 फरवरी तक आवंटित महाविद्यालय और संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं। संवादबीते कुछ वर्षों से छात्र-छात्राओं को बीएड को लेकर रुझान कम हुआ है। साथ ही वर्तमान में कई रोजगार परक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं, जिसके चलते छात्रों का बीएड की ओर क्रेज कम हुआ है। – प्रो. अतुल जोशी, प्रवेश संयोजक बीएड कुमाऊं विवि।

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