मथुरा में पांच दिन पहले रेलवे ट्रैक पर एक साथ तीन नाबालिग लड़कियों का शव मिला था. शुरुआत में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और जांच में जुटी थी. पुलिस को पहले ही शक था कि तीनों लड़कियों ने ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड किया होगा.
पुलिस की ये बात सही भी निकली, लेकिन लड़कियों के सुसाइड करने को लेकर जो वजह सामने आई, वो चौंकाने वाली है. सुसाइड की वजह को जानने के बाद पुलिस के भी रौंगटे खड़े हो गए.
बीते 24 मई को मथुरा-आगरा रेलवे ट्रैक पर शव मिलने के बाद से ही पुलिस तीनों की शिनाख्त में जुटी थी. पहले तो पुलिस को लगा कि मथुरा के आसपास की ही रहने वाली लड़कियों ने ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड किया होगा, लेकिन जब एक लड़की के कपड़े पर लगे टैग को पुलिस ने देखा तो वह चौंक गई. टैग बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक टेलर का था. पुलिस सोच में पड़ गई कि अगर ये तीनों मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं तो यहां आकर सुसाइड क्यों किया?
मुजफ्फरपुर की रहने वाली थीं तीनों नाबालिग
मथुरा पुलिस ने तुरंत मुजफ्फरपुर पुलिस से संपर्क साधा और पूरी घटना की जानकारी दी. यही नहीं मथुरा SSP के आदेश पर एक पुलिस टीम सीधे मुजफ्फरपुर पहुंच गई. जांच में पता चला कि अखाड़ा घाट की रहने वाली तीन लड़कियां माही (16), गौरी (14) और माया (13) बीते 13 मई को एक साथ लापता हुई थीं. पुलिस ने जब घरवालों को घटना की जानकारी दी और लड़कियों की फोटो दिखाई तो वह भी सकते में आ गए. पुलिस परिवार के लोगों को लेकर सीधे मथुरा पहुंच गई.
धर्म और अध्यात्म की तरफ झुकाव
यहां पूछताछ में पता चला कि माही के घर के बगल में दो सगी बहनें गौरी और माया रहती थीं. तीनों में अच्छी दोस्ती थी. माही बहुत छोटी थी, जब उसकी मां ने दुनिया छोड़ दी थी. मां की मौत के बाद माही के जीवन में भटकाव आने लगा. भक्ति में डूबी माही के दिमाग में यह बैठ गया कि यह शरीर नश्वर है. कभी मरता नहीं, अमरत्व प्राप्त करता है. धीरे-धीरे उसका धर्म और अध्यात्म की तरफ झुकाव हो गया. वह हमेशा कृष्ण भक्ति में डूबी रहती थी और सत्संग, भजन सुना करती थी. माही को देखकर गौरी और माया भी उसी के रंग में रंग गई थीं. वह दोनों भी माही के साथ सत्संग, भजन सुनने के साथ-साथ ध्यान लगाया करती थीं.
मरी हुई मां से कैसे बात करती थी लड़की?
परिजनों ने बताया कि चूंकि माही की मां इस दुनिया में नहीं थी, लेकिन माही पर भक्ति का ऐसा जुनून सवार था कि कभी-कभी वह कहती थी कि उसकी मां से भी बात होती है. परिजनों ने कहा कि माही के मुंह से यह सब सुनकर वह लोग चौंक जाते थे. उन्हें विश्वास नहीं होता था कि आखिर वह कैसे अपनी मां से बात कर सकती है? खैर यह तो अलग बात है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि माही सत्संग और भक्ति भाव की लड़की थी. वह 13 मई को गौरी और माया को लेकर घर से भाग निकली और ट्रेन से श्री कृष्ण की नगरी मथुरा तक पहुंच गई.
पुलिस को घर में मिले दो लेटर
वहीं मथुरा पुलिस जब मुजफ्फरपुर में लड़िकयों के घर गई हुई थी तो पुलिस को वहां गौरी और माया के घर से दो लेटर भी मिले थे. माया के लेटर में लिखा था कि, “हिमालय में बाबा ने बुलाया है. सभी कष्ट दूर हो जाएंगे.” वहीं दूसरा लेटर गौरी का था. गौरी ने लिखा था कि, “सॉरी से कुछ नहीं होता. तुम मत मरना. तुम्हारी मौत से पहले मेरी मौत आ जाए. सॉरी मेरी वाइफ.”
13 मई से घर से गायब थीं तीनों लड़कियां
जब माही के पिता से बात की गई तो पिता मनोज कुमार ने बताया कि बेटी 13 मई से घर से गायब थी. जब उसकी फोन से लोकेशन ट्रैक की गई तो आखिरी लोकेशन कानपुर में मिली थी. उसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था. मनोज कुमार ने कहा कि तीनों मथुरा कैसे पहुंचीं और आत्महत्या क्यों की, यह अभी तक समझ में नहीं आया है. वहीं गौरी के चाचा ने बताया कि बच्चियों की गुमशुदगी को लेकर मुजफ्फरपुर पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की. यहां तक की FIR तक नहीं दर्ज की गई. अगर मथुरा पुलिस हमको ढूंढते-ढूंढते यहां न पहुंचती तो हमें पता भी नहीं चल पाता कि बच्चियां अब इन दुनिया में नहीं हैं.