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धामी सरकार ने शनिवार देर शाम आपात कैबिनेट की बैठक बुलाई। जिसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं से वर्चुअल जुड़े। इसके साथ ही देहरादून सचिवालय से सुबोध उनियाल, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी और रेखा आर्या शामिल हुए।

कैबिनेट बैठक में सुप्रीम कोर्ट में वन विभाग के दैनिक वेतनकर्मियों की अवमानना याचिका को लेकर चर्चा हुई। जिसमें तय किया गया कि इसके लिए सीएम धामी की अध्यक्षता में उपसमिति बनाने का निर्णय लिया गया। उपसमिति कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए विधिक रास्ता निकालेगी।

वर्ष 2022 में वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट में नियमितीकरण को लेकर अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट ने तत्कालीन सरकार को 10 साल पूरे कर चुके कर्मचारियों को पक्का करने और बाकि को एक समान वेतन देने के निर्देश दिए। इस मामले में पांच अवमानना याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई।

कोर्ट में ये मामला 2002 से चल रहा है। कोर्ट के निर्णय के बाद भी विभाग में विसंगति बनी हुई है। सूत्रों का दावा है कि सरकार इस निर्णय को लेकर पशोपेश में है। यदि वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को एक समान वेतन देते हैं तो कई विभागों में तैनात ऐसे कर्मी भी मांग करने लगेंंगे। जिससे सरकार पर 500 करोड़ का अतिरिक्त खर्च पड़ सकता है।

अब इस मामले पर 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिसको लेकर कैबिनेट में चर्चा की गई। इस मामले को लेकर सब कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी में कौन-कौन लोग होंगे ये तय करना मुख्यमंत्री का अधिकार है।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि 16वां वित्त आयोग जल्द ही उत्तराखंड राज्य के दौरे पर आ रहा है। ऐसे ने 16वें वित्त आयोग के सामने राज्य के वित्तीय प्रबंधन को कितने बेहतर तरीके से बता सकते है, इस को लेकर चर्चा हुई। वहीं, चारधाम यात्रा फिर से शुरू होने वाली है। यात्रा का किस तरह से प्रबंधन किया जाए, इसको लेकर चर्चा की गई है।

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