खबर शेयर करें -

विभाग की ओर से बताया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसरों को बर्खास्त करने से पहले विभाग की ओर से समय-समय पर उन्हें नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन नोटिस का जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की गई है।

राजकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों को बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किया है।

राजकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों को बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किया है।

यह भी पढ़ें -  मसूरी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को भीड़ ने घेरा, बीच-बचाव में पुलिस ने छूटे पसीने

विभाग की ओर से बताया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसरों को बर्खास्त करने से पहले विभाग की ओर से समय-समय पर उन्हें नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन नोटिस का जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की गई है।

शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा, राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापरक शिक्षा एवं बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए राज्य सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है। राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ढांचागत सुधार के साथ ही शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें -  ऋषिकेश के सैलून में कर्मचारी लड़की से नाई ने की छेड़छाड़, लोगों ने पिटाई के बाद पुलिस को सौंपा, हुआ गिरफ्तार

वहीं, मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवा समाप्त कर दी गई है। राजकीय सेवा से बर्खास्त इन असिस्टेंट प्रोफेसर में इंद्रजीत सिंह, डॉ. नंदिनी सिंह, एके राय और डॉ. नरेश मोहन चड्ढा शामिल हैं। भौतिक विज्ञान विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर इंद्रजीत सिंह वर्ष 2004, डॉ. नरेश मोहन चड्ढा वर्ष 2003, डॉ. नंदिनी सिंह एवं एके सिंह वर्ष 2004 से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे।

यह भी पढ़ें -  कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार, हल्द्वानी मेयर पद के लिए 28 ने पेश की दावेदारी

उच्च शिक्षण संस्थानों में लापरवाही और अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में इस तरह के अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री