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हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर नैनीताल की डीएम वंदना ने शुक्रवार सुबह को विस्तार से जानकारी दी। डीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर नगर निगम की टीम अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही थी।

उन्होंने कहा कि किसी को टारगेट नहीं किया गया और ना ही दोनों ढांचे किसी धार्मिक या शैक्षणिक स्थल के रूप में पंजीकृत थे। डीएम ने भीड़ की ओर से की गई हिंसा की जानकारी देते हुए बताया कि थाने पर भी हमला किया गया और पुलिसकर्मियों को जिंदा जालने की कोशिश की गई।

डीएम वंदना सिंह ने कहा आधिकारिक तौर पर दो मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में चार मौतों की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में वेरिफाई किया तो पता चला कि दो लोगों की मोत हुई है। कृष्णा अस्पताल में दो शव पहुंचे थे। इन्हें रिसीव नहीं किया गया और एसटीएच भेज दिया गया। दोनों जगह गिनती हो जाने की वजह से चार शव बताने की कंफ्यूजन हुई थी।

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डीएम ने कहा कि थाने को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। पत्रकारों की गाड़ियों को भी जलाया गया है। डीएम ने साफ किया कि यह सांप्रदायिक घटना नहीं है, बल्कि स्टेट मशीनरी को टारगेट और चैलेंज किया गया। उन्होंने कहा कि नुकसान का वृस्तृत आकलन किया जा रहा है। उन्होंने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन की चेतावनी भी दी।

डीएम ने कहा कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों और अफसरों को जिंदा जलाने की कोशिश भी की गई। वंदना सिंह ने कहा, ‘जब पेट्रोल बम फेंके गए , आगजनी की घटनाएं शुरू हुईं और उसके बाद भी टीमें पीछे नहीं हटीं तो भीड़ ने थाने का घेराव किया। थाने में मजिस्ट्रेट थे, पुलिसकर्मी थे। अधिकारी थे और हथियार थे। थाने में बैठे लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया गया। पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम फेंके गए। वाहनों में आग लगा दी गई। धुआं थाने में भर गया। थाने के भीतर लोगों का दम घुटने लगा। लोगों को वहां से हटने की चेतावनी दी गई। पानी की की बौछार भी की गई ताकि आग बुझाई जा सके। जब भीड़ नहीं हटीं तो हथियारों से फायरिंग की गई। इसके बाद फोर्स इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया। कर्फ्यू लगाया गया। कमर के नीचे गोली मारने का आदेश दिया गया स्थिति को देखते हुए।’

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कोर्ट के आदेश पर चल रहा था अभियान- DM
डीएम ने बताया कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक नगर-निगम अतिक्रमण हटाने में जुटा था। किसी को उकसाया नहीं गया। 15-20 दिन से हल्द्वानी के अलग-अलग क्षेत्र में अतिक्रमण पर कार्रवाई चल रही थी। सरकारी संपत्तियों की मैपिंग की जा रही है और कब्जे हटाए जा रहे हैं। नगर-निगम की संपत्तियों को खाली कराने का अभियान चल रहा था। सड़कों से अतिक्रमण हटाए गए थे। सभी को नोटिस दिया गया था। सभी को सुनवाई का मौका दिया गया था। कुछ लोग कोर्ट भी गए थे। जिन्हें स्टे नहीं मिला था उनके खिलाफ ऐक्शन चल रहा था। किसी एक परिसंपत्ति को टारगेट नहीं किया गया

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