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चीन के हांगझोउ में जारी एश‍ियन गेम्स में 11वें दिन (4 अक्टूबर) भारत ने 3 गोल्ड समेत कुल 12 मेडल जीते हैं. इसमें नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड और किशोर जेना ने सिल्वर मेडल दिलाया. भारत ने अब तक 18 गोल्ड समेत कुल 81 मेडल जीत लिए हैं. इन गेम्स के दौरान चीन हर बार भारतीय एथलीट्स से पंगा ले रहा और हर बार उसे ही मुंह की खानी पड़ रही है

इस बार एशियन गेम्स का आयोजन चीन के हांगझोउ शहर में हो रहा है. गेम्स के शुरुआती 11 दिनों में भारत ने कुल 81 मेडल जीत लिए. इसमें 18 गोल्ड, 31 स‍िल्वर और 32 ब्रॉन्ज शामिल हैं. एशियन गेम्स का 11वां दिन (4 अक्टूबर) भारत के लिहाज से बेहद खास रहा.

इस दिन भारत ने 3 गोल्ड समेत कुल 12 मेडल जीते हैं. जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड और किशोर जेना ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमा लिया है. नीरज का बेस्ट थ्रो 88.88 और किशोर का 87.54 मीटर का रहा. इन्हीं के दम पर ये मेडल जीते. ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है, जब जैवलिन में भारत ने एक साथ यह दोनों मेडल जीते हों.

एशियन गेम्स में हो रही चीन की फजीहत

मगर यहां समझने वाली बात यह है कि अपने आप को दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी मानने वाले चीन की इन एशियन गेम्स के दौरान जमकर फजीहत हो रही है. वो लगातार भारतीय खिलाड़ियों से पंगा ले रहा है और हर बार उसे मुंह की खानी पड़ रही है.

हाल ही में महिलाओं की 100 मीटर हर्डल रेस में भारतीय स्टार ज्योति याराजी ने सिल्वर मेडल जीता. उस दौरान भी चीन ने ज्योति को डिस्क्वालिफाई करने की पूरी साजिश रची, लेकिन वो नाकाम रहा. तब ज्योति ने चीनी प्लेयर और अंपायरों को करारा जवाब दिया. हाल यह हुआ कि चीन को अपनी ही खिलाड़ी को डिस्क्वालिफाई करना पड़ गया. साथ ही ज्योति को ब्रॉन्ज की जगह सिल्वर मेडल देना पड़ा.

नीरज और किशोर ने भी सिखाया सबक

अब 11वें दिन एक बार फिर चीन ने अपनी चाल चली और स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से पंगा ले लिया. नीरज के पहले थ्रो को तकनीकी खामी बताकर रद्द कर दिया और उन्हें दोबारा थ्रो करने के लिए कहा. नीरज ने यहां जमकर बहस की और चीनी अंपायरों से भिड़ गए. मगर चीन ने नीरज की एक नहीं सुनी. इसका जवाब नीरज ने गोल्ड और दूसरे भारतीय जैवलिन थ्रोअर किशोर जेना ने सिल्वर मेडल जीतकर दिया. ज्योति वाले मामले की तरह इस बार भी चीन को मुंह की खानी पड़ी. इसी बीच किशोर जेना के भी एक थ्रो को चीनी अंपायर ने फाउल बता दिया था. मगर किशोर ने आवाज उठाई और रीप्ले देखने के बाद अंपायर को गलती माननी पड़ी और थ्रो को लीगल माना.

इस तरह एक ही मैच में नीरज के बाद किशोर ने चीनी अंपायरों को सबक सिखाया. यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो फैन्स ने भी चीन की क्लास लगा दी. हर किसी ने चीन को सोशल मीडिया पर जमकर लताड़ा.

क्या हुआ था नीरज के पहले थ्रो वाले विवाद में?

नीरज चोपड़ा ने अपने गोल्ड मेडल के लिए पहला थ्रो किया, जो करीब 85 मीटर के करीब जाकर गिरा. मगर एशियन गेम्स की वेबसाइट पर इसे अपडेट नहीं किया गया. साथ ही तकनीकी खराबी के कारण इवेंट को कुछ देर रोक दिया गया. हालांकि बाद में बताया गया है कि स्पष्ट रूप से माप संबंधी कुछ समस्याएं आई थीं.

यहां तक कि ब्रॉडकास्ट ग्राफिक्स भी अलाइन नहीं दिख रहे थे. यानी साफ तौर पर तकनीकी खराबी के कारण उस थ्रो को मान्य नहीं किया गया. ना ही उसे फाल्ट माना गया. नीरज को रीटेक के लिए कहा गया था. इसके बाद नीरज ने मुड़कर नहीं देखा और अपनी शालीनता और काबिलियत के साथ गोल्ड जीतकर करारा जवाब दिया.

ज्योति याराजी ने भी ऐसे निकाली थी चीन की हेकड़ी

हांगझोउ एशियन गेम्स में महिलाओं की 100 मीटर हर्डल रेस में (1 अक्टूबर को) भारत और चीन की महिला एथलीट के बीच जमकर हंगामा हुआ था. पहले भारतीय स्टार ज्योति याराजी ने इस रेस में तीसरे नंबर पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. जबकि चीन की यानी वू ने सिल्वर मेडल हासिल किया था. मगर यहां एक ड्रामा भी देखने को मिला. ज्योति समेत बाकी एथलीट्स ने आवाज उठाई की चीनी प्लेयर ने गलत स्टार्ट लिया था. चीनी एथलीट इतनी बेईमान निकली कि उसने उलटे ज्योति पर ही गलत स्टार्ट लेने का आरोप लगा दिया. तब ज्योति संदेह के घेरे में आ गई थी. घटना का रीव्यू देखने के बाद भी अंपायरों ने ज्योति को ही गलत माना और उन्हें डिस्क्वालिफाई करने का फैसला किया. मगर ज्योति अड़ गईं और मैदान नहीं छोड़ा. जबकि रीप्ले में साफ दिख रहा था कि चीनी एथलीट ने ही गलत स्टार्ट लिया था. इसके बाद बाकी एथलीट उनके पीछे दौड़ पड़े थे.

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