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कमलनाथ सरकार के समय सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानो में बढ़ाए गए ओबीसी आरक्षण के सरकार के फैसले पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी. याचिकाकर्ता ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन के लिए ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने लगी रोक को हटाने वाली याचिका खारिज कर दी है. दरअसल, हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर रोक लगाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता जया ठाकुर से पूछा कि इस मामले में आप कैसे प्रभावित हैं और आपका क्या मतलब है. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर आप याचिका वापस नहीं लेते तो हम जुर्माना लगा देंगे.

बता दें कि कमलनाथ सरकार के समय सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में बढ़ाए गए ओबीसी आरक्षण के सरकार के फैसले पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट की रोक हटाने की मांग की थी.

याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के इस रोक के चलते पिछले 4 सालों में सरकारी नौकरियों में भर्तियां बंद हो गई हैं. इसके अलावा, आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन ने देशभर में अवैध शराब बनाने, बिजनेस और बिक्री को काबू करने को लेकर नेशनल एक्शन प्लान बनाने की भी मांग करते हुए याचिका दाखिल की है.

याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के इस रोक के चलते पिछले 4 सालों में सरकारी नौकरियों में भर्तियां बंद हो गई हैं. इसके अलावा, आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन ने देशभर में अवैध शराब बनाने, बिजनेस और बिक्री को काबू करने को लेकर नेशनल एक्शन प्लान बनाने की भी मांग करते हुए याचिका दाखिल की है.

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