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हमारे देश में हर साल तमाम त्योहर मनाए जाते हैं. इन्हीं में से एक है ईद. ईद साल में दो बार मनाई जाती है. एक बार ईद-उल-फितर एक बार ईद-उल-अज़हा. मुस्लिम समाज के अनुयायी के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है.

यह त्यौहार केवल खुशी उत्सव का प्रतीक नहीं है, बल्कि भाईचारे, प्रेम, समानता, त्याग, दान क्षमा का भी संदेश देता है. ईद का त्यौहार केवल एक धार्मिक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सांस्कृतिक महत्व भी रखता है. यह त्यौहार लोगों को एकजुट करता है, भाईचारे प्रेम का संदेश देता है उन्हें त्याग, दान, क्षमा करने के लिए प्रेरित करता है.

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कब मनाया जाता है ईद-उल-फितर

रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति पर मनाया जाता है. यह खुशी आभार का त्यौहार है, जो रमजान के दौरान किए गए उपवास, प्रार्थना दान के लिए मनाया जाता है. उदाहरण: रमजान के दौरान, मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं, पांच बार नमाज अदा करते हैं, ज़कात (दान) देते हैं.

ईद-उल-अज़हा

हज यात्रा के बाद मनाया जाता है, जो कि मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है. यह त्याग समर्पण का त्यौहार है, जो पैगंबर इब्राहिम द्वारा अपने पुत्र हज़रत इस्माइल को कुर्बान करने की इच्छा को याद करता है. उदाहरण: हज यात्रा के दौरान, मुसलमान मक्का के पवित्र शहर में जाते हैं कई धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं.

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नमाज अदा करना: ईद की सुबह, मुसलमान सुबह जल्दी उठकर नमाज अदा करते हैं.

नए कपड़े पहनना: लोग नए कपड़े पहनते हैं एक दूसरे को गले लगाते हैं.

मिठाइयाँ बाँटना: मिठाइयाँ स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं परिवार दोस्तों के साथ बांटे जाते हैं.

ज़कात देना: ज़रूरतमंद लोगों को ‘ज़कात’ दिया जाता है.

कुर्बानी देना: ईद-उल-अज़हा के दौरान, मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देते हैं मांस को गरीबों में बांटते हैं.

बच्चों को ‘ईदी’ देना: बच्चों को नए कपड़े, खिलौने मिठाइयाँ ‘ईदी’ के रूप में दी जाती हैं.

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ईद का महत्व

भाईचारे प्रेम का प्रतीक: ईद का त्यौहार भाईचारे, प्रेम, समानता का प्रतीक है. यह लोगों को एकजुट करता है सामाजिक बंधन को मजबूत करता है.

त्याग दान: यह लोगों को त्याग, दान, क्षमा करने के लिए प्रेरित करता है.

खुशी, आभार, आशा: यह लोगों को खुशी, आभार, आशा का संदेश देता है. ईद के दौरान, लोग अपने घरों को सजाते हैं, एक दूसरे के घरों में जाते हैं, विशेष व्यंजन बनाते हैं. बच्चे नए कपड़े पहनकर ‘ईदी’ पाकर खुशी मनाते हैं. गरीबों को भोजन कपड़े दान किए जाते हैं. यह त्यौहार लोगों को एकजुट करता है सामाजिक बंधन को मजबूत करता है.