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दिल्ली एमसीडी में एक बार फिर बवाल की स्थिति है. इस बार स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर विवाद चल रहा है. मारपीट तक हो गई है. एक तरफ आम आदमी पार्टी पुलिस थाने पहुंच गई है तो बीजेपी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.

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दिल्ली एमसीडी का चुनाव विवादों वाला रहा, मेयर का चुनाव बवाल के बाद संपन्न हुआ और अब स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में भी तमाम अड़चनें आ रही हैं. हालात ऐसे बन गए हैं कि गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव संपन्न नहीं हो पाया. चुनाव तो फेल हुआ ही, जिस तरह से सदन में पार्षदों ने एक दूसरे के साथ मारपीट की, जिस तरह मुक्केबाजी का दौर चला, उसने पूरे देश को हैरान कर दिया. वर्तमान में दिल्ली एमसीडी से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो पिछले कुछ समय में यहां की राजनीति के लिहाज से सामान्य बात बन गई है. कुछ दिन पहले पानी की बोतलों को हथियार बना इस्तेमाल किया गया था, अब हाथापाई के जरिए जमकर बवाल काटा गया.

धांधली…हार का डर और जमकर बवाल

शुक्रवार को एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर वोटिंग हुई थी. लेकिन उस वोटिंग के दौरान फिर जमकर बवाल देखने को मिला, दोबारा काउंटिंग तक की मांग उठ गई थी. उस बीच बीजेपी और आप के पार्षद आमने सामने आ गए और ये मारपीट का दौर शुरू हो गया. जो वीडियो सामने आए, उनमें पार्षद एक दूसरे को लात-घूंसे मार रहे थे, महिला पार्षद भी आक्रमक दिखाई दे रही थीं. इस पूरी लड़ाई के दो स्पष्ट पहलू देखने को मिला. आप वर्जन ये रहा कि बीजेपी को हार का डर है और इसलिए उसने मेयर तक को मारने की कोशिश की. दूसरा वर्जन बीजेपी का है जो चुनाव में धांधली के आरोप लगा रही है और यहां तक कह रही है कि आप वाले मार-पिटाई पर उतर आए हैं.

फिर टले चुनाव, कोर्ट तक पहुंची सियासत

अभी के लिए सदन को 27 फरवरी तक स्थगित कर दिया गया है. 27 तारीख को ही फिर स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव करवाने की बात हुई है. लेकिन बीजेपी इसे रोकने के लिए कल कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. पार्टी ने यहां तक मांग की है कि इस बवाल की सीबीआई जांच होना जरूरी है. उसने इसे एमसीडी इतिहास का एक काला अध्याय बता दिया है. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. आप नेता आतिशी ने कहा है कि बीजेपी ने गुंडागर्दी का प्रमाण दिखा दिया है, स्टेंडिंग कमेटी चुनाव की काउंटिंग शांति से हुई, लेकिन जब उन्हें लगा कि वे चुनाव हार रहे हैं, उन्होंने हमारी महिला मेयर पर हमला कर दिया. मेयर को जान बचाने के लिए हाउस से भागना पड़ा. हाउस के बाहर भी पुरुष पार्षदों ने उन्हें शारीरिक तौर पर मारा. ये बीजेपी की गुंडागर्दी है, ये अपनी हार नहीं मान रहे हैं. इन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी. पुरुष पार्षदों ने स्टेज पर जाकर महिला मेयर पर हमला किया है. आज पूरा देश शर्मसार है.

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इस समय आप पार्षद कमला मार्केट थाने में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बीजेपी पार्षदों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी कानूनी रास्ता पकड़ रही है और कोर्ट में कल याचिका दायर करने जा रही है. यानी कि दोनों तरफ से फुल ऑन बवाल है और चुनाव फिर टाला जा सकता है.

स्टैंडिंग कमेटी की पूरी ABCD, साख की लड़ाई ऐसे बनी

दिल्ली स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव समझने के लिए इसके बैकग्राउंड को जानना जरूरी हो जाता है. स्टैंडिंग कमेटी में कुल 6 लोगों को चुना जाता है. स्टैंडिंग कमेटी को डिसीजन मेकिंग कमेटी भी कहा जा सकता है. किसी भी योजना को अंतिम रूप देने में इस कमेटी का सक्रिय योगदान रहता है. सरल शब्दों में दिल्ली एमसीडी जो भी काम करती है, उसमें सीधी भागीदारी स्टैंडिंग कमेटी की रहती है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के लिए ये चुनाव साख की लड़ाई इसलिए है क्योंकि जिसे भी इस कमेटी में स्पष्ट बहुमत मिलेगा, वो आसानी से अपनी सभी योजनाओं को जमीन पर उतार पाएगा. अगर बीजेपी को बहुमत मिलता है तो एमसीडी में हारने के बाद भी योजनाओं में पार्टी का हस्तक्षेप ज्यादा रहेगा. वहीं अगर आप इसमें बहुमत पाती है तो अरविंद केजरीवाल ने जितने भी वादे किए हैं, उन्हें कम समय में पूरा किया जा सकता है. यानी कि इस एक चुनाव पर दिल्ली एमसीडी का सारा काम टिका है.

चुनावी गणित क्या कहता है, किसका बहुमत, किसकी हार?

अब स्टैंडिंग कमेटी के चुनावी आंकड़े बताते हैं कि आम आदमी पार्टी ने अपनी तरफ से चार उम्मीदवार उतारे हैं, बीजेपी ने तीन को उतारा है. कुल आंकड़ा बैठता है 7. यानी कि किसी एक की हार तो तय है. अब स्टैंडिंग कमेटी के अंदर भी एक चेयरपर्सन और एक डिप्टी चेयरपर्सन होता है. कमेटी के सदस्य ही इनका चयन करते हैं. अब जिस भी पार्टी के पास बहुमत रहता है, ये दोनों पद भी उन्हीं के खाते में चले जाते हैं. इसी वजह मेयर चुनाव से ज्यादा इस कमेटी के चुनाव को लेकर बवाल की स्थिति है. पिछली बार जब स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना था, तब पार्षद वोटिंग के दौरान मोबाइल फोन भी साथ लेकर गए थे. उस बात पर बीजेपी ने आपत्ति जाहिर की थी. तर्क दिया गया था कि आम आदमी पार्टी को क्रॉस वोटिंग का शक है और इसी वजह से साथ फोन ले जाने को कहा गया. उस वजह से जमकर बवाल हुआ था. शुक्रवार को जब वोटिंग हुई, बीजेपी की मांग मानते हुए फोन बाहर रख दिए गए. वोटिंग हुई और एक वोट इनवैलिड बता दिया गया. फिर बवाल की स्थिति बनी और सदन में नारेबाजी देखने को मिली. नारेबाजी ने बाद में विक्राल रूप लिया और एक बार फिर मारपीट शुरू हो गई. इस बवाल के बाद बीजेपी के एक ट्वीट ने भी विवाद खड़ा कर दिया है. पार्टी का दावा है कि टेक्निकल कमेटी ने जो नतीजे दिए हैं, उसमें उसे और आप को तीन-तीन सीट मिल रही हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी इसे मान्य नहीं मान रही है, ऐसे में विवाद खिचता जा रहा है. अब 27 तारीख को फिर चुनाव की बात हुई है, होते हैं या नहीं, ये आने वाले दिनों में साफ होगा.

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मेयर ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात का समय मांगा

देर रात दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने बीजेपी पार्षदों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है. ओबेरॉय ने कहा- जब महिलाएं सदन के अंदर सुरक्षित नहीं हैं तो दिल्ली में कैसे सुरक्षित हो सकती हैं. उन्होंने भाजपा के तीन पार्षदों व अन्य के खिलाफ शिकायत की है. उन्होंने पुलिस सुरक्षा मांगी है. मेयर ओबरॉय ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मिलने के लिए समय मांगा है. उन्होंने बीजेपी पार्षदों पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया है.

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