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उधम सिंह नगर में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को धमकी भरा पत्र मिला है. इसमें लिखा गया है कि 50 लाख की फिरौती न देने पर उसकी हत्या कर दी जाएगी. जान से मारने की धमकी मिलने के बाद इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि विभाग के सेवानिवृत्ति एसडीओ के बेटे ने अपने पिता का बदला लेने के लिए धमकी भरा पत्र भेजा है. 

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के काशीपुर विद्युत विभाग के कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता अजीत कुमार यादव को जान से मारने की धमकी भरा खत भेजा गया था. इसमें लिखा था कि 50 लाख की फिरौती न देने पर उसकी हत्या कर दी जाएगी. धमकी भरा खत डाक के द्वारा भेजा गया था. अज्ञात आरोपी की तरफ से भेजे गए इस पत्र के बाद अधिशासी अभियंता अजीत कुमार यादव डर गया.  उसने तुरंत ही पुलिस को मामले की सूचना दी. पुलिस ने मामले की जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई करते हुए धमकी देने वाले युवक का पता खोज निकाला. इसके साथ ही आरोपी को हिरासत में ले लिया. हालांकि, इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद मामूली कार्यवाही करते हुए कोतवाली से ही उसे जमानत पर छोड़ दिया गया.

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सेवानिवृत एसडीओ का पुत्र निकला आरोपी 

पुलिस ने बताया कि आरोपी विद्युत विभाग के सेवानिवृत एसडीओ का पुत्र है. इसके बाद से अब ये घटना चर्चा का विषय बन गई है. साथ ही पुलिस की कार्यवाही पर भी सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं. पुलिस ने बताया कि अभी कुछ माह पूर्व सेवानिवृत हुए विद्युत विभाग के एसडीओ जसपुर मदन लाल टॉक के पुत्र नितेश कुमार ने धमकी भरा खत भेजा था.

उसने अपने पिता का बदला लेने के लिए यह खत भेजा था. बीती 9 जनवरी को काशीपुर में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता अजीत कुमार यादव ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि रजिस्टर्ड डाक से उन्हें एक पत्र मिला है. इसमें अज्ञात शख्स ने 50 लाख रुपयों की फिरौती मांगी है.

पत्र में लिखी थी जान से मारने की धमकी

पत्र में साफ लिखा है कि रकम न देने पर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाएगा. मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जब इसकी विवेचना शुरू की, तो परत दर परत तस्वीर साफ होने लगी. यह पत्र काशीपुर के डाकघर से भेजा गया था. दिन तारीख आदि की जांच के बाद जब पुलिस ने पोस्ट ऑफिस के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी, तो एक संदिग्ध महिला डाक पोस्ट करती नजर आई.

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महिला ने पूछताछ में बताया आरोपी का नाम 

पुलिस जैसे ही उस महिला तक पहुंची, तो उसकी पहचान अलीगंज रोड निवासी शालिनी पत्नी गुरजीत सिंह के रूप में हुई. थाने लाकर महिला से कड़ाई से पूछताछ करने पर पता चला कि बीते 4 जनवरी को उसके मित्र नितेश कुमार पुत्र मदनलाल टॉक ने एक उसे डाक भेजने के लिए कहा था. महिला ने पुलिस को बताया कि नितेश के कहने पर उसने अधिशासी अभियंता अजीत कुमार यादव के नाम सील बंद लिफाफा पोस्ट कर दिया था.

पुलिस ने बताया क्यों मिली कोतवाली से जमानत 

पुलिस को जैसे ही इसका पता चला उसने तत्काल अभियुक्त नितेश कुमार को तत्परता दिखाते दबोच लिया. पुलिस की कड़ी पूछताछ में पकड़े गए नितेश कुमार ने जुर्म को कुबूल कर लिया. यह मामला धारा 385 में पंजीकृत किया गया था. इसको लेकर पुलिस ने आरोपी युवक को अपनी हिरासत में लेते हुए कोतवाली से ही जमानत पर रिहा कर दिया. मामला संगीन होने के बाद पुलिस की इस मामूली कार्यवाही के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हुआ है. मामले में सीओ काशीपुर अनुषा बडोला ने बताया कि बेलेबल ऑफेंस होने के कारण अभियुक्त को थाने से जमानत दे दी गई. फिरौती की डिमांड करने तथा न मिलने पर जान से मारने की धमकी देने वाले सेवानिवृत्ति एसडीओ पुत्र नितेश कुमार है. उसने पुरानी आपसी रंजिश के चलते इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस ने सभी पहलुओं को देखते हुए कार्यवाही की है. जिन मुकदमों में 7 वर्ष की सजा नहीं होती, उन मामलो में पुलिस रिमांड नहीं ले पाती है. लिहाजा, आरोपी को कोतवाली से ही जमानत दे दी गई है.

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