स्कूली बच्चों में तेजी से आई फ्लू फैल रहा है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी करते हुए अभिभावकों से अपील की हैं कि ऐसे बच्चों को स्कूल न भेजें। साथ ही प्रार्थना सभा में शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे बच्चों को अभिभावकों को बुलाकर वापस भेज दें। दो से तीन दिन में उपचार के बाद आई फ्लू ठीक हो जाता है।
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स्कूली बच्चों में तेजी से आई फ्लू फैल रहा है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी करते हुए अभिभावकों से अपील की हैं कि ऐसे बच्चों को स्कूल न भेजें। साथ ही, प्रार्थना सभा में शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे बच्चों को अभिभावकों को बुलाकर वापस भेज दें। दो से तीन दिन में उपचार के बाद आई फ्लू ठीक हो जाता है।
बच्चों में तेजी से बढ़ रहा आई फ्लू
निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल, इस समय नेत्र चिकित्सकों की ओपीडी में सबसे अधिक आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। रुड़की सिविल अस्पताल से लेकर मंगलौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नारसन एवं भगवानपुर अस्पताल में प्रतिदिन आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या बच्चों की है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने भी एक गाइडलाइन जारी की है।
आई फ्लू से पीड़ित बच्चों को ठीक न होने तक घर पर ही रहने की अपील
इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने बताया कि अभिभावकों से अपील की गई है कि जिन बच्चों को आई फ्लू हो गया है, उनको दो-तीन दिन स्कूल न भेजें। प्रार्थना सभा में भी बच्चे इस बात का ध्यान रखें। आई फ्लू से बचाव ही उपचार है। इसलिए सबसे पहले बचा जाए।
पिछले कुछ दिनों से बढ़े मामले
वहीं, सीएमओ डा. मनीष दत्त ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से आई फ्लू के मामले जिले में बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि यदि बच्चों को आई फ्लू है, तो उनको स्कूल न भेजें। इसके अलावा आंख साफ करने के लिए सूती कपड़े या टिशू पेपर का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
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