यूपी के मेरठ में एक होनहार बेटी और उसके पिता ने पढ़ाई के लिए पैसे न होने की वजह से ऐसा कदम उठाया, जिसे सुनकर सभी हैरान हैं. मेरठ में पिता और बेटी के सुसाइड के पीछे आर्थिक तंगी ही बड़ी वजह निकली है.
दसवीं कक्षा में 75% अंक पाने वाली खुशी अपने भाई बहनों को पढ़ाना चाहती थी. लेकिन परिवार की बदतर आर्थिक स्थिति ने उसे सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया. इतना ही नहीं पहले बेटी ने जहर पिया और उसके बाद पिता ने जहर पीकर अपनी जान दे दी.
मेरठ के चिरौड़ी गांव में पिता, बेटी ने एक साथ जहरीला पदार्थ पीकर सुसाइड कर लिया. पिता जोगेंद्र और बेटी खुशी दोनों ही मुफलिसी के आगे टूट गए और यह घातक कदम उठाना पड़ा. अब घर में जोगेंद्र की पत्नी लता और 4 बच्चे और हैं. इनका जीवन कैसे चलेगा इस पर अब कुटुंब के लोक मंथन कर रहे हैं. जोगेंद्र उसकी पत्नी दोनों मजदूरी कर किसी तरह घर चला रहे थे. 5 बच्चों का खर्चा कैसे उठाते हुए जीवन हताशा से भर गया. बेटी खुशी पढ़ने में अच्छी थी. इस साल उसने 10वीं की परीक्षा यूपी बोर्ड से 75 प्रतिशत अंकों से पास की थी. वो आगे पढ़कर अपने बहन भाइयों को भी पढ़ाना चाहती थी. लेकिन उसका ये सपना पूरा न हो सका.
खुशी ने पिता से 11वीं में एडमिशन कराने की जिद शुरू कर दी
खुशी ने पिता से 11वीं में एडमिशन कराने की जिद शुरू कर दी. खुशी आगे पढ़ना चाहती थी. रोजाना पिता से कहती स्कूल में दाखिला करा दो, लेकिन जोगेंद्र के लिए यह मुमकिन नहीं था. वह आजकल कहकर बात टालता रहता. दोबारा खुशी ने पिता से कहा कि स्कूल में पढ़ना चाहती है, एडमिशन करा दो. तब हालात से हारे पिता का सब्र टूट गया. रोजाना की चिकचिक से तंग आकर उसने पहले बेटी को जहर दिया. अपने हाथों अपनी बेटी को जहर देने के बाद जोगेंद्र को खुद पर गुस्सा आया और उसने भी जहर खा लिया. बाद में जब मां लता घर आई तो देखा पिता, बेटी दोनों बेसुध पड़े हैं, मुंह से झाग निकल रहा है. तब उन्हें अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई.
संजीव बालियान ने की पीड़ित परिवार से मुलाक़ात
गरीबी के कारण एक परिवार के दो लोगों के सुसाइड करने की खबर से सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया. देर रात एसडीएम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. परिवार के पास आयुष्मान कार्ड सहित राशन कार्ड भी था. वहीं अब पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान भी परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें मदद का भरोसा भी दिलाया.