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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देश पर प्रदेशभर में नकली दवाओं के खिलाफ अभियान चलाया गया। एफडीए ने एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापे मारकर नमने एकत्र किए।

प्रदेश में नकली व घटिया दवा निर्माता कंपनियों व बिक्री करने वालों पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने शिकंजा कसा है। विशेष अभियान के तहत एक साल में 862 निर्माता प्रतिष्ठानों पर छापे मारे गए। इनमें से पांच दवा निर्माता कंपनियों पर मुकदमा दर्ज किए गए। साथ ही दो कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई। 72 कंपनियों की दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई गई।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देश पर प्रदेशभर में नकली दवाओं के खिलाफ अभियान चलाया गया। एफडीए ने एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापे मारकर नमने एकत्र किए। 52 नमूनों की जांच चल रही है। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त एफडीए डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में ड्रग्स और नकली दवाओं के खिलाफ अभियान जारी है। नकली या घटिया दवाएं बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अभियान में 81 बिक्री लाइसेंस किए निलंबित
अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि विभाग ने अभियान के तहत नकली व घटिया दवाएं बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। 81 बिक्री लाइसेंस निलंबित किए गए। कई कंपनियों से जांच के लिए 352 लीगल सैंपल भी लिए गए हैं। 35 दवाओं की जांच जारी है। 72 कंपनियों के उत्पादों की खरीद पर रोक लगाई गई है। 10 कंपनियों के सेल लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश की गई है।