परंपरागत खेलों में नहीं मिलेगा पदक
राष्ट्रीय खेलों में शामिल परंपरागत खेलों कलारीपयट्टू, योगासन, मलखंभ और राफ्टिंग में मुकाबले तो होंगे, लेकिन पदक तालिका में यह शामिल नहीं होंगे। वहीं, कुछ स्थानीय खिलाड़ियों का कहना है कि कलारीपयट्टू, योगासन, मलखंभ और राफ्टिंग को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया जाता तो इसमें राज्य के खिलाडि़यों के बेहतर प्रदर्शन से पदक तालिका में राज्य का स्थान और सुधार सकता था। खेल मंत्री रेखा आर्या के मुताबिक उत्तराखंड इन खेलों का जन्मदाता है। सरकार की ओर से इस मसले पर मंगलवार को केंद्रीय खेल मंत्री के साथ ही भारतीय ओलंपिक संघ को पत्र लिखा जाएगा। उनसे अनुरोध किया जाएगा कि इन खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया जाए।
ये 32 खेल होंगे शामिल
एथलेटिक्स, जलक्रीड़ा, तीरंदाजी, बैडमिंटन, बास्केटबाल, बॉलिंग, मुक्केबाजी, कैनोइंग एवं कयाकिंग, साइक्लिंग, फेंसिंग, फुटबाल, गोल्फ, जिमनास्टिक, हैंडबाल, हॉकी, जूड़ो, कबड्डी, खो-खो, मॉडर्न पैंटाथलॉन, नेटबाल, रोइंग, रग्बी, शूटिंग, स्क्वैश, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, टेनिस, ट्रायथलॉन, वॉलीबाल, भारोत्तोलन, रेसलिंग, कुश्ती, वुशु को शामिल किया गया है।
गोवा के मुकाबले 11 खेल हुए कम
पिछले साल गोवा में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों में 43 खेल शामिल थे। जबकि 2025 में उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में मात्र 32 खेलों को शामिल किया गया है। जिससे गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों के मुकाबले 11 खेल कम हो रहे हैं।
कलारीपयट्टू, योगासन, मलखंभ और राफ्टिंग जैसे प्रदर्शनी खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल करना भारत की समृद्ध विरासत का सम्मान करने और खिलाड़ियों के लिए नए अवसरों को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
-पीटी उषा, आईओए अध्यक्ष
राष्ट्रीय खेलों की तैयारी को लेकर सरकार पूरी तरह से आश्वस्त है। आयोजन कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाला है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए यह अभूतपूर्व अवसर है। घरेलू मैदान पर राज्य के खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकते हैं।
– रेखा आर्या, खेल मंत्री, उत्तराखंड