एक बाइक पर पांच नाबालिग कांवड़ यात्री हरिद्वार से गंगाजल लेकर देहरादून लौट रहे थे। भानियावाला के पास फ्लाईओवर के डिवाइडर से उनकी बाइक टकरा गई। हादसे में दो कांवड़ यात्रियों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।
घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला में भर्ती कराया गया है। मृतक में एक मुस्लिम किशोर भी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 7:30 बजे एक बाइक पर पांच नाबालिग कांवड़ यात्री हरिद्वार से गंगाजल लेकर देहरादून अपने घर लौट रहे थे। उस दौरान तेज वर्षा हो रही थी जैसे ही वह भानियावाला स्थित फ्लाईओवर पर पहुंचे उनकी तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में 12 वर्षीय मिथिलेश पुत्र सनोज कुमार निवासी नियर शारदा पब्लिक स्कूल राजीव नगर देहरादून एवं 14 वर्षीय सदान पुत्र शादाब निवासी रिंग रोड अपर आदर्श कालोनी देहरादून की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
जबकि 17 वर्षीय शिवा पुत्र राजू और 15 वर्षीय विकास पुत्र जयबली निवासी अपर आदर्श कालोनी थाना रायपुर देहरादून और 13 वर्षीय सुमित पुत्र जसपाल राणा निवासी छह नंबर पुलिया आदर्श कालोनी घायल हो गए। तीनों घायल किशोरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला ले जाया गया। जहां से शिव और विकास की गंभीर स्थिति तो देखते हुए उन्हें दून अस्पताल के लिए रेफर किया गया। वहीं सुमित की स्थिति सामान्य है उसका उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला में चला है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पांच नाबालिग थे बाइक सदान चला रहा था।
यातायात नियमों का होता पालन तो शायद बच जाती जान
डोईवाला: कांवड़ यात्रा में यदि यातायात नियमों का पालन सख्ती के साथ कराया जाता तो देहरादून के दो किशोर की जान बच सकती थी। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान कार्रवाई करने को लेकर पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। जिससे कांवड़ यात्रियों सहित अन्य लोग परिवहन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। लेकिन, कार्रवाई न होने से इनके हौसले बढ़ रहे हैं।
सोमवार को भानियावाला फ्लाईओवर में जिस बाइक से हादसा हुआ उस पर पांच नाबालिग सवार थे। जो हरिद्वार से देहरादून कांवड़ लेकर आ रहे थे उन्होंने हेलमेट भी नहीं पहन रखा था। बाइक भी तेज गति से चला रहे थे। यह परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हरिद्वार से देहरादून लौट रहे थे इस मार्ग पर जगह जगह पुलिस तैनात है उसके बाद भी पांचों एक बाइक पर सवार होकर भानियावाला तक पहुंच गए। पुलिस ने न उन्हें रोका न ही उनके विरुद्व कार्रवाई की।
इससे साफ है कि पुलिस कांवड़ यात्रा के दौरान कार्रवाई करने से बच रही है। अगर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इनकी बाइक सीज कर देती तो तो यह हादसा न होता। जिससे दो किशोरों की जान बच जाती। तीन किशोर घायल भी न होते। इस हादसे से सबक लेते हुए पुलिस को परिवहन नियम तोड़ने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करनी होगी तभी ऐसे हादसों पर रोक लग पाएगी।



