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बारिश के मौसम में आई फ्लू के मामले जोर पकड़ रहे हैं.. सबसे ज्यादा इसके बच्चे शिकार हो रहे है। बच्चों में आई फ्लू को लेकर निजी स्कूल अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं। इसके लक्षण पाए जाने पर स्कूल अभिभावकों से बच्चों को स्वस्थ होने तक स्कूल न भेजने की अपील कर रहे हैं। नैनीताल में भी तेजी से आई फ्लू फैल रहा है।

इन दिनों देश के हर कोने में आई फ्लू का कहर देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में भी आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। नैनीताल में आई फ्लू से बच्चे भी परेशान हैं। शहर में आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) तेजी से फैल रहा है। आलम यह है कि बीडी पांडे अस्पताल में पिछले दो सप्ताह में ही सौ से अधिक मरीज उपचार को पहुंच चुके है।

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बढ़ते आई फ्लू के प्रकोप को देखते हुए अस्पताल में सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही है। वहीं चिकित्सक भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे है। मानसून के दौरान आई फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी शुरू हो जाती है। यह आंखों का एक प्रकार का संक्रमण है जिसमें आंख में दर्ज, खुजली होने जैसी समस्या बनी रहती है।

अस्पताल में पहुंच रहे 30 से 40 आंखों के मरीज

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बीडी पांडे अस्पताल में सामान्य तौर पर रोजाना 30 से 40 आंखों के मरीज उपचार को पहुंचते है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ दीपिका लोहनी ने बताया कि बीते दो सप्ताह से आई फ्लू के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है। उनको उपचार के साथ ही इससे बचाव के तरीकों को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

इस वजह से हो रहा है आई फ्लू

डॉ लोहनी के अनुसार वर्षा व गंदगी वाले पानी के आंखों के संपर्क में आने से आई फ्लू होने की संभावना होती है। जिसे ठीक होने में अधिकतम दो सप्ताह तक का समय लग सकता है। आई फ्लू में आंखों का लालपन, दर्द, सूजन, सुबह नींद खुलने पर आंखें चिपकना, आंखों में खुजली व आंखों से पानी आना जैसे लक्षण सामने आते है।

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तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क

डॉ लोहनी ने कहा कि लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। लक्षण सामने आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सक की सलाह पर दी गई आई ड्रॉप का ही प्रयोग करें। साथ ही बचाव को लेकर हाथों को साफ रखें, बार बार आंखें न मलें, घर से बाहर निकलने पर चश्मा लगाएं।

 

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