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हरीश रावत ने एक बार धामी सकरार पर हमला बोला है। देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे लोगों के घरों पर लाल निशान लगाए जाने का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विरोध किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने यहां रह रहे हजारों लोगों को वैकल्पिक रूप से बसाए जाने की बिना पूर्व कार्ययोजना के उन्हें उजाड़ने का प्लान बना दिया है। इसके विरोध में पूर्व सीएम ने रविवार को अपने डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर एक घंटे का मौन उपवास रखा।

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पूर्व सीएम रावत ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि लोगों को उजाड़ने से पहले उनके लिए विस्थापन की सरकार के पास क्या नीति है। इन स्थानों पर लोग वर्षों से रह रहे हैं। ये लोग लगातार बिजली-पानी का बिल भर रहे हैं।

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अब सरकार ने उनके घरों के पर क्रॉस के लाल निशान लगा दिए हैं। जबकि कुछ बड़े भवनों को छोड़ दिया गया है। जान-बूझकर के कुछ घरों को चिन्हित करके एक डर पैदा किया जा रहा है। रिस्पना और बिंदाल के ऊपर एलिवेटेड रोड बनेगी और उसके लिए इन घरों को, इन लोगों को उजाड़ा जा रहा है।

उन लोगों को बेघर करने से पहले आपके पास क्या वैकल्पिक प्लान है, उनको कहां बसाएंगे? सरकार, जिला प्रशासन और नगर निगम को इसका जवाब देना चाहिए। रावत ने कहा कि यदि सरकार इस पर कोई समुचित कार्रवाई नहीं करती है या नीतिगत कल्याणकारी फैसला नहीं लेती है तो वे मई के महीने में गांधी पार्क देहरादून में तपती दोपहरी में एक घंटे का पुन: मौन व्रत करेंगे।