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स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को जांच के दौरान की गई इनवेस्टिगेशन से हत्या कर भागे शूटरों की पहचान सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह, निवासी तरन तारण,पंजाब,के रूप में हुई और दूसरे व्यक्ति की शिनाख्त अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार, सुरेंद्र सिंह निवासी नगली फतेहगढ़,चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब के रूप में हुई । साथ ही यह भी पता चला कि दोनों शूटर 19 मार्च को गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब की सराय में  कमरा नंबर 23 में दिनांक  रुके थे । सराय के रजिस्टर में अभियुक्त सर्वजीत सिंह के द्वारा अपनी आई डी, आधार कार्ड, नम्बर एवं मोबाइल नंबर को सराय के रजिस्टर में दर्ज किया हुआ था। सर्वजीत सिंह के बारे में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि यह व्यक्ति पूर्व में कई अपराधिक गतिविधियों में लिप्त था और इसके आपराधिक इतिहास की जानकारी करने पर इसके विरुद्ध लगभग एक दर्जन अभियोग गम्भीर धाराओं में पंजीकृत होना पाया गया । सर्वजीत सिंह के मोबाइल की कॉल डिटेल के अनुसार वह दिनांक 19/3/24 से लेकर दिनांक 27/3/24 तक रामपुर/ बाजपुर/किच्छा/बरेली/शाहजहांपुर आदि में घूमता रहा प्राप्त सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल इनपुट के आधार पर उपरोक्त दोनों अभियुक्त गणों की उचित शिनाख्त हुई है ।

प्राप्त मैन्युअल इनपुट और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के आधार पर ज्ञात हुआ कि दोनों अभियुक्तों द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और मोबाइल फोन 14 मार्च को कस्बा तिलहर,थाना तिलहर,जनपद शाहजहांपुर से खरीदे गए थे ।  मोबाइल नंबरों के आधार पर अभियुक्तों के पुराने नंबर प्राप्त हुए। पुराने नंबरों की काल डिटेल से जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अभियुक्त जनपद शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह एंव बलकार सिंह,सतनाम सिंह, परगट सिंह,हरविन्द्र सिंह उर्फ़ पिंदी आदि के सम्पर्क में माह फरवरी 2024 से थे । इन लोगों के द्वारा कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर गुरुद्वारा नानक मत्ता साहिब स्थित डेरा कार सेवा एंव तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबधन अपने वर्चस्व में लेने के आशय से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई गयी थी । योजना के अनुसार दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने एक सुनोयोजित तरीके से पेशेवर अपराधियों सबरजीत सिंह, अमर जीत सिंह उर्फ़ बिट्टू उपरोक्त को हत्या के लिए 10 लाख रुपए में हायर किया गया।

हत्या से पहले एडवांस के रूप में  दोनों अपराधियों को 1,60000 रुपए दिए गए । दोनों अपराधियों को हत्या करने के लिए हर प्रकार की सुविधा प्रदान की गई । सुनोयोजित साजिश के तहत हायर किये गये । योजनानुसार  अभियुक्त सबरजीत सिंह, अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू ने 19 मार्च को द्वारा   नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा लेने के बाद  वहीं पर रहकर और घूम फिर कर बाबा तरसेम सिंह के प्रतिदिन के दिनचर्या की जानकारी की।

दोनों ने  नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ़ काला  पुत्र कुलदीप सिंह, निवासी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को अपने प्रभाव में लेकर व लालच देकर उसकी सहायता से 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की सही-सही लोकेशन ज्ञात कर ली। उसके उपरांत सराय से निकलकर डेरा कर सेवा में जाकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मार दी ।

सीसीटीवी फुटेज आदि के आधार पर यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अपराधी हत्या करने के बाद सीधे दिलबाग सिंह,निवासी ग्राम कबीरपुर ,तहसील पुआयाँ जिला शाहजहांपुर के घर पर पहुंचे। जहां दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने हत्यारों को पांच लाख रुपये दिए पूर्व में निर्धारित की गई धनराशि में से 5,00000 लाख रूपये प्राप्त कर लिए और फिर अभियुक्त दिलबाग की सहायता से फरार हो गये । फरार शूटर सरवजीत व अमरजीत की गिरफ्तारी पर कुमायूं रेंज स्तर से 50,000/रू0 का नगद इनाम घोषित किया गया है ।

जांच के बाद थाना नानकमत्ता पुलिस द्वाराअभियुक्त गण दिलबाग सिंह पुत्र लक्षमण सिंह निवासी ग्राम कबीर पुर थाना निगोही जिला शाह जहाँ पुर, अमनदीप सिंह उर्फ़ काला  पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत थाना अमरिया जिला पीलीभीत,  हरमिंदर ऊर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीर पुर थाना तिलहर जिला शाह जहाँ पुर,  बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा थाना करेली जिला पीलीभीत को विभिन्न स्थानो से गिरफ्तार किया गया। उनके पास दो कार मारुती स्विफ्ट नम्बर UK06 Y 1476 एंव UP 27 BK 9099 भी पुलिस ने बरामद की है।