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पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाके तक सर्दी के सितम से परेशान हैं. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के लोगों को ठंड एवं शीतलहर से आज (बुधवार), 18 जनवरी 2023 को भी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के एक्टिव होने के साथ ही मौसम में तब्दीली देखने को मिलेगी.

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के राज्यों में शीतलहर से भीषण शीतलहर का कहर जारी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में ठंड के बीच शीतलहर से ठिठुरन की स्थिति है. दक्षिण हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में जीरो के करीब तक तापमान दर्ज किया जा रहा है.

आमतौर पर हर साल मकर संक्रांति के बाद सर्दी कम होने लगती है लेकिन इस बार शीतलहर का कहर और तापमान में गिरावट दोनों का सितम देखने को मिल रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2 डिग्री वाली ठंड का टॉर्चर जारी है. इस बीच मौसम विभाग ने 19 एवं 23 जनवरी को दिल्ली में हल्की बारिश और बूंदाबांदी की संभावना जताई है.

दिल्ली के मौसम की जानकारी

मौसम विभाग के अनुसार, इस हफ्ते ठंड पीक पर रहेगी. 18 जनवरी को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तो अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, 21 से 25 जनवरी के दौरान उत्तर पश्चिम भारत को ठंड के प्रभावित करने की बहुत संभावना है. हालांकि, 19 जनवरी से दिल्ली के तापमान में मामूली बढ़त देखने को मिलेगी.

बारिश की संभावना

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान सहित उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में  23 और 24 जनवरी 2023 को  बारिश की संभावना है. ये  25 जनवरी तक जारी रह सकती है. साथ ही हिमालय क्षेत्रो में भारी बर्फबारी हो सकती है.

बता दें कि बीते दिन यानी 17 जनवरी को हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान माइनस 1.3 डिग्री सेल्सियस और राजस्थान के चूरू में  माइनस 2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा राजधानी के दिल्ली रिज में तापमान 2.2, सफदरजंग में 2.4 और आयानगर में 2.8  डिग्री सेल्सियस पहुंचा.

24 घंटे मौसम का हाल

अगले 24 घंटों के दौरान, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर की स्थिति की उम्मीद है. दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीत लहर चल सकती है. उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में हवा की दिशा में बदलाव और पश्चिमी विक्षोभ के करीब आने के कारण अब तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा.

 

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