देश में नेचुरल गैस की कीमत तय करने के लिए 2014 की गाइडलाइंस में संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद अब कंपनियों ने CNG-PNG की कीमतों को घटाना शुरू कर दिया है. अडानी टोटल गैस लिमिटेड ने सबसे पहले गैसों के दाम घटाते हुए नए रेट 8 अप्रैल से लागू भी कर दिए हैं. उम्मीद है कि जल्द ही कई और कंपनी भी इस दिशा में फैसला ले सकती हैं.
अडानी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने सीएनजी की कीमत को 8.13 रुपये प्रति किलोग्राम और पीएनजी की कीमत को 5.06 रुपये प्रति घन सेंटीमीटर तक घटा दिया है. एएनआई के मुताबिक नई कीमतें 8 अप्रैल को रात 12 बजे से लागू हो गई हैं. एटीजीएल का यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट डॉमेस्टिक गैस प्राइसिंग के नए फॉर्मूले को लागू करने के एक दिन बाद आया.
सरकार का कहना है कि नए फॉर्मूले से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में 10 फीसदी तक की कमी आ जाएगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को बताया था कि घरेलू गैस की कीमतों को अब अंतरराष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है. अब घरेलू गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के दाम का 10 फीसदी होगी. इतना ही नहीं, अब सीएनजी और पीएनजी की कीमत हर महीने तय होगी. जबकि, पहले साल में दो बार यानी हर 6 महीने पर कीमतें तय की जाती थीं.
फ्लोर और सीलिंग प्राइस को किया फिक्स
अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि घरेलू गैस की कीमतों का फ्लोर और सीलिंग प्राइस दो साल के लिए सेट है. इसके बाद इसे 0.25 डॉलर बढ़ा दिया जाएगा. मौजूदा वक्त में इंडियन क्रूड बास्केट की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल है. इसका 10 फीसदी हुआ 8.5 डॉलर प्रति बैरल. लेकिन सरकार ने इसकी सीलिंग प्राइस 6.5 डॉलर सेट कर दी है. सरकार के इस फैसले से देशभर में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में कमी आ जाएगी.
PNG की हिस्सेदारी 15% तक पहुंचाने का लक्ष्य
अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2030 तक भारत में प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5% से बढ़ाकर 15% करने का लक्ष्य रखा है. सुधारों से नेचुरल गैस की खपत का विस्तार करने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और शुद्ध शून्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान मिलेगा.
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इसलिए लागू किया गया नया फॉर्मूला
अभी तक घरेलू नैचुरल गैस की कीमत दुनिया के चार बड़े गैस ट्रेडिंग हब-हेनरी हब, अलबेना, नेशनल बैलेसिंग प्वाइंटर (UK) और रूसी गैस की कीमत के आधार पर तय होती थी. कीमतों को तय करने के लिए पुराने फॉर्मूले के तहत चारों गैस ट्रेडिंग हब के पिछले एक साल की कीमत का औसत निकाला जाता है और फिर इसे तीन महीने के अंतराल पर लागू किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें तेजी से घटती-बढ़ती थीं और इसका असर गैस की कीमतों पर पड़ता था. अब नए फॉर्मूले के तहत घरेलू नैचुरल गैस की कीमत के लिए इंडियन क्रूड बास्केट की पिछले एक महीने की कीमत को आधार बनाया जाएगा.
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