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महाराजगंज में एक सात वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. यहां एक नशेड़ी ने बच्ची को उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया. इसके बाद नशे की हालत में उसके साथ बेरहमी से बलात्कार किया.

महाराजगंज में एक सात वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. यहां एक नशेड़ी ने बच्ची को उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया. इसके बाद नशे की हालत में उसके साथ बेरहमी से बलात्कार किया. बच्ची के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर लोग घटनास्थल पर पहुंचे. आरोपी को मारपीट के पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी की पहचान धर्मेंद्र कुमार (35) के रूम में हुई है. यह घटना शनिवार रात को हुई. बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. उसी वक्त धर्मेंद्र उसके घर के बाहर पहुंचा और नशे की हालत में उसको उठा ले गया. सूनसान जगह पर ले जाकर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. इसके बाद बलात्कार करने लगा. दर्द के मारे बच्ची चीखने लगी. उसकी आवाज सुनकर लोग घटनास्थल की ओर भागे.

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आतिश कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को पकड़ लिया. उन्होंने उसकी जमकर पिटाई की और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया. धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़िता के परिजनों की तहरीर के आधार पर उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉस्को) के तहत केस दर्ज है.

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एएसपी ने बताया कि पीड़ित बच्ची की हालत बहुत गंभीर है. उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में बहुत चोट आई है. फिलहाल जिला अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. आरोपी बच्ची के पड़ोस में रहता है. यही वजह है कि वो जब बच्ची को लेकर जा रहा था, तो किसी को उस पर शक नहीं हुआ. इस मामले की जांच जारी है.

बताते चलें कि पिछले साल महाराजगंज में एक दलित लड़की के साथ बलात्कार की घटना सुर्खियों में आई थी. रेप का आरोप भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष राही मासूम रजा पर लगा था. उस पर आरोप लगा था कि उसने शहर में किराए पर रहने वाले संतकबीरनगर जिले के दलित परिवार की बड़ी बेटी के साथ पहले बलात्कार किया, फिर वारदात का खुलासा होने की डर से पीड़िता के पिता की हत्या कर दी.

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इसके बाद मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन भाजपा नेता के रसूख की वजह से पीड़ित परिवार को रिपोर्ट की कॉपी नहीं देने दी, ताकि उसके खिलाफ केस दर्ज न हो सके. इस पूरे मामले में भाजपा नेता ने अपने उपर लगे सभी तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया था. हालांकि, पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 376, 354, 452, 323, 504, 506 और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.