महिला सुरक्षा को लेकर हर साल करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी उत्तराखंड में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। आलम यह है कि राज्य से हर दिन चार से ज्यादा महिलाएं और एक से अधिक नाबालिग बालिकाएं गायब हो रही हैं। जनवरी 2021 से मई 2023 तक 3854 महिलाएं और 1134 बालिकाएं गायब हुईं। इनमें से 893 महिलाओं और 92 बालिकाओं का आज तक सुराग नहीं लग पाया है।
पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक 3854 महिलाओं में से 2961 और 1042 बालिकाओं को बरामद किया गया, लेकिन जो गायब हैं उनके साथ क्या हुआ किसी पता नहीं है। महिलाओं की गुमशुदगी के मामले में देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं।
जहां से सबसे ज्यादा महिलाएं और बालिकाएं लापता हैं। बात बरामदगी की करें तो सभी 13 जिलों में जनवरी 2021 से मई 2023 तक कुल 2961 महिलाएं बरामद हुई हैं। इसमें वर्ष 2021 में 1271, 2022 में 1281 और 2023 में मई तक 409 महिलाएं मिलीं। इसी अवधि में कुल 1042 गुमशुदा बालिकाएं बरामद हुई हैं, जिसमें वर्ष 2021 में 393, 2022 में 403 तथा 2023 में मई तक 246 बालिकाएं शामिल हैं।
वहीं रेलवे (जीआरपी) में जनवरी 2021 से मई 2023 तक कुल 3854 महिलाओं की गुमशुदगी दर्ज की गई। इनमें वर्ष 2021 में 1494, 2022 में 1632 और 2023 में मई तक 728 महिलाएं शामिल हैं। इसी अवधि में कुल 1132 बालिकाएं गुमशुदा दर्ज हुई हैं। इनमें 2021 में 404, वर्ष 2022 में 425 और 2023 में मई तक 305 बालिकायें शामिल हैं।
इन जिलों से गुमशुदा हुई इतनी महिलाएं
जिला 2021 2022 2023 (मई तक)
नैनीताल 168 165 53
उधमसिंह नगर 343 415 183
पिथौरागढ़ 14 18 7
अल्मोड़ा 25 44 23
टिहरी 59 49 35
बागेश्वर 34 26 12
पौड़ी 43 58 19
उत्तरकाशी 34 23 15
देहरादून 364 430 163
हरिद्वार 339 314 169
चमोली 31 26 14
चम्पावत 23 48 25
रुद्रप्रयाग 14 15 10
इन जिलों से गायब हुईं इतनी बालिकाएं
जिला 2021 2022 2023 (मई तक)
नैनीताल 74 63 17
उधमसिंहनगर 133 146 49
पिथौरागढ़ 17 22 15
अल्मोड़ा 10 13 9
टिहरी 23 18 12
बागेश्वर 8 8 2
पौड़ी 5 8 7
उत्तरकाशी 5 3 2
देहरादून 30 9 80
हरिद्वार 81 103 95
चमोली 8 9 5
चम्पावत 9 17 8
रुद्रप्रयाग 1 6 3
अपर पुलिस महानिदेशक ने दिए निर्देश
चारधाम यात्रा व पर्यटन सीजन को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने 30 अप्रैल को देहरादून में बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर चिंता जाहिर की थी। ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने के लिए उन्होंने बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन आदि पर जहरखुरानी और हयूमन ट्रैफिकिंग की घटनाओं को रोकने के लिए टीमें नियुक्त करने के निर्देश दिए थे।