हल्द्वानी में लूट की मंशा के चलते दो महिलाओं की हत्या के मामले के आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही डेढ़ लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। आरोपियों ने रिटायर्ड कर्नल के घर में दो महिलाओं (सास-बहू) को मौत के घाट उतार दिया था और घर का सामान लूट कर फरार हो गए थे।
नैनीताल के हल्द्वानी में लूट की मंशा के चलते दो महिलाओं की हत्या के मामले के आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही डेढ़ लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। आरोपियों ने रिटायर्ड कर्नल के घर में दो महिलाओं (सास-बहू) को मौत के घाट उतार दिया था और घर का सामान लूट कर फरार हो गए थे। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी पहले से ही पीड़ित परिवार को जानते थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता सिंह की अदालत ने हल्द्वानी के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के दो अभियुक्तों को हत्या सहित अन्य धाराओं में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व डेढ़ लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं अदा करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। कोर्ट के निर्णय सुनाने के बाद दोनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
2017 को हुई थी हत्या और लूट
अभियोजन के अनुसार, 22 फरवरी 2017 को कोतवाली हल्द्वानी में सतलोक-पांच, डहरिया निवासी रिटायर कर्नल डीके शाह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शाह के अनुसार, वे 16 तारीख को निजी काम के सिलसिले में हरिद्वार-ऋषिकेश गए थे। घर में पत्नी प्रेरणा शाह एवं मां शांति शाह थी।
ऋषिकेश में पता पता चला कि अज्ञात बदमाशों घर में लूटपाट की है और 82 वर्षीय मां शांति देवी और पत्नी प्रेरणा साह की अलग-अलग कमरों में निर्मम तरीके से हत्या कर दी। बदमाश घर में रखे जेवरात, नगदी सहित सामान लूट कर ले गए हैं।
पुलिस की सख्ती पर टूटे आरोपी
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज एवं दोनों अभियुक्तों के मोबाइल नंबर की सीडीआर लोकेशन लेने के बाद अभियुक्तों को पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया। पहले तो दोनों पुलिस को अलग-अलग बयान में उलझाते रहे, लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए।
मल्लू के साथ मिलकर रची साजिश
अभियुक्तों के अनुसार, कर्नल साह के घर में नहीं होने व उनकी मां व पत्नी के अकेले होने और घर में काफी जेवरात व पैसा होने की जानकारी थी। साथी मल्लू के साथ मिलकर पहले प्रेरणा शाह की, फिर मां शांति की पेचकस व चाकू से वार करने के बाद रजाई से गला दबाकर हत्या की थी। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर 26 फरवरी को गौला नदी में छिपाया गया लूट का सामान भी बरामद कर लिया।
पेश किए गए 18 गवाह
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने पैरवी करते हुए आरोप साबित करने के लिए 18 गवाह पेश किए। इसमें वोडाफोन के नोडल अधिकारियों एवं एसओजी प्रभारी दिनेश पंत, संतेंद्र गंगोला के माध्यम से दोनों अभियुक्तों के मोबाइल की कॉल डिटेल घटना से पूर्व व बाद की लोकेशन साबित कराई।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर महिलाओं के डीएनए का मिलान करवाया। डीजीसी के अनुसार एक अभियुक्त महेंद्र नाथ गोस्वामी वादी कर्नल शाह का बटमैन जबकि दूसरा अख्तर अली कारपेंटर के रूप में घर में काम कर चुका था। सूचना देने के बावजूद भी दोनों घटनास्थल नहीं आए।
इनको हुई सजा
अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अभियुक्त अख्तर अली पुत्र मिर्जा निवासी-हरोड़ थाना आजिम नगर, जिला रामपुर, हाल निवासी गौला टनकपुर गेट, श्मशान घाट के पास रामपुर रोड, हल्द्वानी व महेंद्र नाथ गोस्वामी पुत्र शिवनाथ गोस्वामी, निवासी-गैस गोदाम रोड, छड़ैल, कृष्णा विहार हल्द्वानी को धारा 302 के अंतर्गत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 50 हजार अर्थदंड, अर्थदंड नहीं देने पर तीन साल का अतिरिक्त कारावास, धारा-394, 120 बी आईपीसी में सात साल कठोर कारावास व 25-25 हजार जुर्माना, सास-बहू की हत्या में बटमैन व कारपेंटर को उम्रकैद धारा- 411 में तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार जुर्माना की सजा सुनाई।
मल्लू का अता पता नहीं
हत्याकांड के दो अभियुक्तों को तो उम्र कैद की सजा हो गई, लेकिन हत्याकांड व हत्या व लूट में साजिश एक अभियुक्त मल्लू का अब तक पुलिस सुराग तक नहीं लगा सकी, उसके विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई है।