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डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे पहाड़ के सरकारी अस्पतालों के लिए अच्छी खबर है। निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद बुधवार को नौ पर्वतीय जिलों के लिए 246 नए एमबीबीएस डॉक्टर मिल गये।

स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस वर्ष मार्च में पास आउट बॉन्डधारी चिकित्सकों की सूची सभी नौ पर्वतीय जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को तैनाती के लिए सौंप दी है।

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देहरादून में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को नए चिकित्सकों की तैनाती प्राथमिकता के आधार पर चार धाम यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले चिकित्सालयों एवं पर्वतीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों में करने के निर्देश दिये हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बांड व्यवस्था के अंतर्गत गढ़वाल मंडल में 161 तथा कुमाऊं मंडल में 85 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। जिसमें पौड़ी जनपद में 38, टिहरी में 53, चमोली में 30, उत्तरकाशी में 10, रूद्रप्रयाग में 30, पिथौरागढ़ में 27, चंपावत में 3, अल्मोड़ा में 33 और बागेश्वर में 22 डॉक्टर शामिल हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यात्रा मार्गों व पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों की तैनाती करना राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है ताकि स्थानीय स्तर पर लोगों और चार धाम आने वाले यात्रियों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सके। पर्वतीय जिलों को नए डॉक्टर से पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी की समस्या का काफी हद तक समाधान होगा। पहाड़ों में कई जगह सरकारी अस्पताल डॉक्टर विहीन चल रहे हैं। दुर्गम इलाकों में डॉक्टरों की तैनाती से भी स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होगा।