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हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी निर्माण पर करीब 11 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब यहां से आईएसबीटी को तीनपानी शिफ्ट करने की कवायद की जा रही है. जिसे लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर हो चुकी है. जिस पर लगातार सुनवाई चल रही है. आज कोर्ट ने सरकार को तीनपानी में आईएसबीटी के लिए चिन्हित जगह बताने के आदेश दिए हैं.

हल्द्वानी के गौलापार में प्रस्तावित आईएसबीटी यानी इंटर स्टेट बस टर्मिनल को तीनपानी में शिफ्ट किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. आज मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सरकार को 23 अगस्त तक तीनपानी में आईएसबीटी के लिए चिन्हित जगह बताने को कहा है.

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बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से आईएसबीटी को शिफ्ट करने का कारण बताने को कहा था. आज सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गौलापार में पूर्व में चिन्हित आईएसबीटी की जगह अब दूसरे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए रिजर्व की गई है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

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दरअसल, हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार आईएसबीटी के नाम पर राजनीति कर रही है. यही कारण है कि बार-बार आईएसबीटी की जगह बदल रही है. सरकार की ओर से साल 2008 में गौलापार में वन विभाग की आठ एकड़ भूमि पर आईएसबीटी बनाने के लिए संस्तुति की जा चुकी थी.

केंद्र सरकार से भी इसकी अनुमति मिल चुकी है. इतना ही नहीं राज्य सरकार वहां 11 करोड़ रुपए भी खर्च कर चुकी है. आईएसबीटी निर्माण के लिए वहां पर 2,625 पेड़ काटे जा चुके हैं. गौलापार के अलावा आईएसबीटी बनाने के लिए हल्द्वानी में कहीं भी इससे ज्यादा जमीन नहीं है.

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इसके बावजूद भी सरकार इतने पेड़ काटे जाने और सरकारी धन का दुरुपयोग करने के बाद आईएसबीटी को हल्द्वानी के तीनपानी में बनाना चाहती है. गौलापार आईएसबीटी बनाने के लिए उपयुक्त जगह है. यहां पर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी बन चुका है. यहां बनने से शहर जाम मुक्त भी रहेगा. इसलिए आईएसबीटी को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट न किया जाए.

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