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 कथित 900 ग्राम चरस पुलिस के गले की फांस बन चुकी है। पुलिस मामले में कुछ करने के बजाय कोर्ट की फटकार सुन रही है। वादी बार-बार आरोपियों को पकड़ रहा है और पुलिस उन्हें नोटिस देकर छोड़ रही है।

मामले की जांच तीसरी बार ट्रांसफर हुई है। दूसरी बार फिर वादी पक्ष ने मुकदमे में वांछित दूसरे आरोपी को पकड़ लिया, लेकिन उसे भी छोड़ दिया गया। ये मामला 27 जून का है, जब कोतवाली क्षेत्र के कुल्यालपुरा स्थित पूनम की दुकान में एक महिला कथित चरस रखकर गई। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई से गुरेज किया तो पीड़ित पक्ष के लोगों ने 5 अक्टूबर को चरस रखने वाली महिला को पकड़ लिया। बाद में पुलिस ने कह दिया कि बरामद चरस नहीं बल्कि धूप थी।

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कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें तीन लोगों को नामजद किया गया। पुलिस को कोर्ट में फजीहत झेलनी पड़ी। जिस कथित चरस को पुलिस ने धूप बताया, कोर्ट ने उस कथित चरस के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया। इस मामले में दूसरे आरोपी उमेश चौहान को लोगों ने पकड़ा और पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पीड़िता के पति सूरज टम्टा का कहना है कि पुलिस ने पहले चरस रखने वाली को छोड़ा और अब उमेश को भी छोड़ दिया।

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इस मामले में सूरज सीओ सिटी नितिन लोहनी से मिले और जांच ट्रांसफर करने की मांग की। जिस पर सीओ ने जांच मुखानी थाने को ट्रांसफर कर दी। इससे पहले जांच कोतवाली के एसएसआई महेंद्र प्रसाद और उसने पहले एसआई धीरेंद्र राणा कर रहे थे। सीओ सिटी ने बताया कि पीड़ित पक्ष की मांग पर मामले की जांच मुखानी थाने को ट्रांसफर कर दी गई है।