सरकारी दफ्तर में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों के कारनामें समय-समय पर आते रहते हैं. इसी कड़ी में जिला विकास प्राधिकरण में तैनात एक अधिकारी का कारनामा सामने आया है, जहां अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर विभाग को राजस्व का नुकसान पहुंचाया है.
जिला विकास प्राधिकरण में तैनात जेई ने एक पूंजीपति व्यापारी के साथ मिलकर राजस्व को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. दरअसल वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी ने आरोप लगाया है कि प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता ने प्राधिकरण को पहले करीब एक करोड़ से अधिक के राजस्व का चूना लगा गया है. हालांकि उनकी शिकायत के बाद अब प्राधिकरण ने कार्रवाई की है. वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी ने कहा कि मामला हल्द्वानी ठंडी सड़क क्षेत्र का है, जहां अशोक पाल नाम के पूंजीपति व्यापारी द्वारा बहु मंजिला बिल्डिंग बनाई गई. जिसका नक्शा भी पास नहीं किया गया था. बाद में कंपाउंडिंग के नाम पर गोलमाल का खेल शुरू हुआ. तत्कालीन समय के कनिष्ठ अभियंता मनोज अधिकारी द्वारा पूंजीपति व्यापारी के साथ मिलीभगत से केवल 24 लाख रुपए कंपाउंडिंग की फीस रखी गई, जिस पर उनको शक हुआ.
ऐसे में उन्होंने आरटीआई से सारे दस्तावेज मांगने के बाद जिलाधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट से शिकायत की. जिसपर संज्ञान लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट ने मामले में जांच की, तो पाया गया कि बहुमंजिली इमारत के कंपाउंडिंग की रकम बहुत कम आंकी गई है. इसके बाद एक करोड़ 73 लाख 54 हजार 984 की धनराशि और जमा करने का नोटिस जारी किया गया. साथ ही बिल्डिंग भी सील कर दी गई है.
आरटीआई कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए, जो राज्य के राजकोष में अपने स्वार्थ के लिए करोड़ों की चपत लग रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी वंदना सिंह को कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शिकायती पत्र दिया है. वहीं, इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह का कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद पूरे मामले में अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. मामले में कोई गड़बड़ी पाई गई, तो कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.