हल्द्वानी। सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे कालूसिद्ध मंदिर को शिफ्ट करने को लेकर शनिवार को प्रशासन और कालू सिद्ध मंदिर समिति के बीच सहमति बन गई है। पूरे विधि-विधान के साथ कालूसिद्ध मंदिर को मंदिर के बगल में खाली स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। जिसके बाद सड़क को 12 मीटर चौड़ा करने के साथ ही फुटओवर ब्रिज का निर्माण भी चौराहे पर किया जाएगा।
शहर में नैनीताल रोड चौड़ीकरण का काम तेजी से चल रहा है। चौड़ीकरण की जद में लोगों की आस्था का केंद्र कालूसिद्ध मंदिर भी आ रहा है। इस संबंध में प्रशासन की मंदिर समिति के साथ कई वार्ता हो चुकी हैं, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया था। शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी की अगुवाई में प्रशासनिक टीम और अखाड़ा अध्यक्ष महंत कालूगिरी महाराज की मंदिर को शिफ्ट किए जाने को लेकर तहसील सभागार में दूसरे चरण की बैठक हुई।
बैठक में मंदिर को बगल में ही शिफ्ट किए जाने पर सभी ने सहमति दी। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि कालूसिद्ध मंदिर को बगल में ही शिफ्ट किया जाएगा और 12 मीटर सड़क चौड़ीकरण के साथ ही फुटओवर ब्रिज का निर्माण भी चौराहे पर होना है। मंदिर प्रांगण में स्थित पीपल के पेड़ को गंगापुर में शिफ्ट किया जाएगा। मंदिर की शिफ्टिंग का काम दीपावली के बाद शुरू कर दिया जाएगा।
बैठक के बाद अधिकारियों व महंतों ने मौके का निरीक्षण किया। लोनिवि के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि मंदिर शिफ्ट होने पर यहां की सड़क 12 मीटर चौड़ी बनाई जाएगी। उसके बाद 5 से 6 मीटर जगह फुटओवर ब्रिज को चाहिए। जिसके बाद मंदिर बनेगा। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी, एसडीएम पारितोष वर्मा, तहसीलदार सचिन कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं दूसरी ओर तपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा हल्द्वानी के अध्यक्ष महंत कालूगिरी महाराज ने बताया कि जनहित में सड़क चौड़ीकरण के लिए मंदिर शिफ्ट करने का प्रस्ताव प्रशासन की ओर रखा गया था। जनता की भलाई के लिए हम भी इसके लिए तैयार हैं। मंदिर को अपणु बाजार की खाली जमीन पर बनाये जाने की बात प्रशासन के अधिकारियों ने की है। मंदिर शिफ्ट करने के लिए सहमति दी है। अब प्रशासन मंदिर बनाकर देगा तो हम पूरी तरह से संतुष्ट हैं।
4.62 करोड़ रुपये से बनेगा फुट ओवरब्रिज
कालू सिद्ध तिराहे के चौड़ीकरण के साथ ही यहां पर फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाएगा। लोनिवि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर चुका है। इस पर करीब 4.62 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। इसे जिला अनुमोदन समिति से मंजूरी के बाद रोड से सेफ्टी मद के लिए भेजा गया है।