बनभूलपुरा थाना क्षेत्र से लापता किशोरियों की बरामदगी न होने पर रविवार को हिंदूवादी संगठन के लोग सड़क पर उतर आये। दोपहर 12 बजे लोगों ने पुलिस के खिलाफ बहुउद्देशीय भवन में प्रदर्शन शुरू किया, जो जय श्रीराम-जय श्रीराम के उद्घोष के साथ हनुमान चालीसा पाठ में बदला और फिर आक्रोश सड़क तक आ गया।
लोग एसएसपी का पुतला फूंकने पर आमादा हो गए। इसबीच सड़क पुलिस एसएसपी के पुतले को बचाने के लिए पुलिस जोर-आजमाइश करती रही। पूरे पांच घंटे तक हंगामा चला। जब एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा नैनीताल से हल्द्वानी पहुंचे तब जाकर मामला शांत हुआ। लापता किशोरियां 9वीं और 11वीं कक्षा की दो छात्राएं हैं। आरोप है कि मोहल्ले में रहने वाला समुदाय विशेष का एक 16 वर्षीय किशोर दोनों को उत्तर प्रदेश ले गया है। इसको लेकर शुक्रवार को बनभूलपुरा थाने में भी हंगामा हुआ था। चार दिन बीतने के बाद भी जब किशोरियों का कोई सुराग नहीं लगा तो हिंदूवादी संगठन के जोगेंद्र सिंह राणा, रुपेंद्र नागर, कार्तिक हर्बोला, विपिन पांडे समेत तमाम लोग एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा से मिलने पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए। जब एसएसपी नहीं मिले तो हिंदूवादी संगठन के लोग बाहर धरने पर बैठ गए।
वह एसएसपी से आश्वासन चाहते थे। एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सीओ नितिन लोहनी समेत तमाम पुलिस अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे। एसएसपी फिर भी नहीं पहुंचे तो लोगों ने वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। कहा कि यदि साढ़े तीन बजे तक एसएसपी नहीं आये तो वह उनका पुतला फूंकेंगे। दोपहर 12 बजे से प्रदर्शन कर रहे लोगों का धैर्य 3 बजकर 10 मिनट पर जवाब दे गया।
सभी एक साथ उठे और नारेबाजी करते हुए सड़क पर आ गए। हाथ में एसएसपी का पुतला देख पुलिस भी हरकत में आग गई। हिंदूवादी संगठन के लोग पुतला फूंकना चाहते थे और बीच सड़क पुलिस पुतला छीनने के लिए जद्दोजहद कर रही थी। अंतत: पुलिस ने पुतला छीन लिया। जिसके बाद एक बार फिर पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई और लोग कोतवाली के बाहर सड़क पर बैठ गए। इसके बाद एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा नैनीताल से हल्द्वानी पहुंचे और आश्वासन के बाद शाम 5 बजे प्रदर्शन खत्म हुआ।
24 घंटे में बरामदगी के आश्वासन पर माने प्रदर्शनकारी
किशोरियों की सकुशल बरामदगी का आश्वासन हर अधिकारी दे रहा था, लेकिन प्रदर्शनकारी यह आश्वासन एसएसपी से लेना चाह रहे थे। एसएसपी फोन पर आश्वासन दे रहे थे, लेकिन लोग चाहते थे कि वह सामने आकर भरोसा दें। शाम एसएसपी पहुंचे और जब उन्होंने भरोसा दिया कि 24 घंटे में दोनों किशोरियों को बरामद कर लिया जाएगा, तब प्रदर्शनकारी माने।
प्रदर्शन में भी गुटबंदी, समय बढ़ा तो घटती गई संख्या
प्रदर्शनकारियों में कई संगठन और राजनीतिक दल के लोग थे, जिसमें से कुछ प्रभावशाली लोग भी थे। सभी एकमत थे कि एसएसपी मौके पर आएंगे और आश्वासन देंगे। इस बीच कुछ लोगों को पुलिस ने वार्ता के लिए अलग से बुला लिया, जिससे प्रदर्शनकारियों में गुटबंदी हो गई। प्रदर्शनकारी अपने लोगों पर ही आरोप लगाने लगे कि वह अधिकारियों के बीच अपने नंबर बढ़ाना चाहते हैं।
पांच घंटे में विफल हुई पांच बार की वार्ता
एसएसपी नैनीताल में वीवीआईपी ड्यूटी में थे और उनका तत्काल आ पाना संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने फोन पर वार्ता कर प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानें। जिसके बाद पुलिस ने पांच बार प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। पहले कोतवाल, फिर बनभूलपुरा थानाध्यक्ष, सीओ नितिन लोहनी और एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने पांच बार कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों को मना नहीं सके।