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 मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से लोगों की सेहत खराब हो रही है। लोग सर्दी-खांसी, जुकाम से परेशान हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत सीने में कफ जमा होने से हो रही है। खांसने की वजह से ज्यादातर मरीजों की सांस की नली में सूजन आ रही है। ऐसे मरीजों की संख्या इन दिनों सरकारी व निजी अस्पतालों में बढ़ रही है।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की माने तो इन दिनों 24 घंटे के मौसम में काफी अंतर है। दिन में जहां तापमान गर्म हो रहा है और चटक धूप निकल रही है। वहीं शाम होने पर हल्की ठंड का एहसास हो रहा है। एक दिन में लोगों को कई तरह के मौसम से गुजरना पड़ रहा है। बदल रहे मौसम की वजह से एलर्जी की समस्या हो रही है।

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अक्टूबर माह में वायु प्रदूषण का स्तर भी काफी बढ़ जाता है। धूल और गंदगी भी लोगों को बीमार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए इन दिनों सर्दी, खांसी, जुकाम की बीमारी बढ़ रही है। मरीजों की सांस की नली तक फूल रही है। सांस की नली फूलने पर मरीजों को लंबे समय तक दवाओं का सेवन करना पड़ रहा है। इनमें सबसे ज्यादा दिक्कत दमा और टीबी के मरीजों को हो रही है। 

ऐसे करें बचाव
-फ्रिज का पानी और अन्य शीतल पदार्थ न पियें।
-बासी भोजन और बाहर के खाने का सेवन न करें।
-एसी का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दें।
-सुबह के समय हल्के गुनगने पानी से नहायें।
-रात के समय ज्यादा गति पर पंखा नहीं चलायें।
-बाहर निकलें तो मास्क का उपयोग करें।

बोले चिकित्सक
इन दिनों कफ, सर्दी-जुकाम के साथ ही बुखार की समस्या बढ़ रही है। थोड़ी सी लापरवाही होने पर उपचार लंबा चल रहा है। हमेशा चिकित्सक की सलाह का ही पालन करें।
– डॉ. वैभव पॉलीवाल, फिजिशियन, बॉम्बे हॉस्पिटल हल्द्वानी


यह माह दमा और टीबी के मरीजों के लिए अच्छा नहीं होता है। वायरल संक्रमण से सांस की नली में सूजन आ रही है। मरीज को काफी दिनों तक बीमार रहना पड़ रहा है।
-डॉ. गौरव सिंघल, टीबी और चेस्ट फिजिशियन, नीलकंठ अस्पताल हल्द्वानी