खबर शेयर करें -

वन अग्नि सुरक्षा हेतु हल्द्वानी में फायर ड्रिल कार्यशाला आयोजित, आगामी फायर सीजन 2025 को ध्यान में रखते हुए, 12 फरवरी 2025 को तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी में समस्त 09 रेंजो की प्रभाग स्तरीय फायर ड्रिल कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम किशनपुर रेंज के एमबीआर क्रू स्टेशन में संपन्न हुआ।

प्रभागीय वनाधिकारी एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी, गोला के निर्देशन में वन कर्मियों को वन अग्नि सुरक्षा के महत्व और नियंत्रण के विभिन्न उपायों पर प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला में फायर प्रूफ ड्रेस, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क व अन्य फायर रोधी उपकरणों के उपयोग का ट्रायल भी किया गया, जिससे वन अग्नि आपदा प्रबंधन को और प्रभावी बनाया जा सके।

यह भी पढ़ें -  साइबर ठगों ने नगर आयुक्त को भी नहीं छोड़ा, बैंक खाते से उड़ाए 1.84 लाख, जानिए कैसे लगाया चूना

हल्द्वानी में फायर ड्रिल कार्यशाला: वन सुरक्षा के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

आगामी फायर सीजन 2025 को ध्यान में रखते हुए 12 फरवरी 2025 को तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी में व्यापक फायर ड्रिल कार्यशाला का आयोजन किया गया। किशनपुर रेंज के एमबीआर क्रू स्टेशन में हुई इस कार्यशाला में वन कर्मियों को वन अग्नि रोकथाम और नियंत्रण के आधुनिक तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया।

यह भी पढ़ें -  बरातियों से भरा वाहन खाई में गिरा, दो लोगों की मौत, मुख्यमंत्री धामी ने शोक जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की

ट्रायल के दौरान फायर प्रूफ ड्रेस, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क और अन्य फायर रोधी उपकरणों को अत्यंत प्रभावी पाया गया, जिसके चलते प्रत्येक रेंज में इन सामग्रियों के वितरण का निर्णय लिया गया। वन कर्मियों को टीम बनाकर मौके पर भेजा गया, जहां जीपीएस निर्देशित कंट्रोल बर्निंग स्पॉट पर आग बुझाने का अभ्यास किया गया। इसके बाद, फायर रिस्पांस टाइम की समीक्षा करते हुए वन कर्मियों को और अधिक त्वरित प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए गए।

यह भी पढ़ें -  राष्ट्रीय खेलों के समापन पर हल्द्वानी में बदलेगा यातायात मार्ग, जानें नया डायवर्जन प्लान

इस कार्यक्रम में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल कुमार जोशी, वन क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह अधिकारी, महेंद्र सिंह रैकूनी, जीवन चंद्र उप्रेती, महेश चंद्र जोशी, मनोज कुमार पांडे, राजेंद्र सिंह मनराल सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी, प्रिंट मीडिया के पत्रकार एवं स्थानीय प्रतिनिधि शामिल हुए। कुल 150 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया, जिससे वन अग्नि प्रबंधन को और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।