मंदिर में भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने जा रहे दो चचेरे भाई बौर नदी के तेज बहाव में बह गए। एक भाई को बीट वाॅचरों ने बचा लिया जबकि दूसरा भाई बह गया।
मंदिर में भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने जा रहे दो चचेरे भाई बौर नदी के तेज बहाव में बह गए। एक भाई को बीट वाॅचरों ने बचा लिया जबकि दूसरा भाई बह गया। कुछ देर में किशोर का शव घटनास्थल से करीब आठ सौ मीटर दूर नदी में पड़े से फंसा मिला। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है। नितिन तिवारी दुर्गादत्त कपिलाश्रमी संस्कृत महाविद्यालय में पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (दसवीं) का छात्र था और दो भाइयों में छोटा था।
बृहस्पतिवार को नयागांव के जंगल में स्थित प्राचीन मोटेश्वर महादेव मंदिर में भंडारा चल रहा था। ग्रामीण जंगल में बौर नदी पार कर प्रसाद ग्रहण करने के लिए मंदिर पहुंच रहे थे। नदी में बरसात की वजह से काफी पानी चल रहा था। दोपहर करीब तीन बजे चचेरे भाई नितिन तिवारी (15) पुत्र राजू तिवारी निवासी पूरनपुर चकलुवा और पंकज तिवारी (16) पुत्र मोहन चंद्र तिवारी भी भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने के लिए मंदिर के लिए निकले। बौर नदी पार करते ही दोनों बहने लगे। शोर सुनकर जंगल में गश्त कर रहे बरहैनी रेंज के बीट वाॅचर नरेश सैनी और हरिओम नदी की तरफ भागे। दोनों कर्मियों ने नदी में कूदकर उन्हें बचाने का प्रयास किया।
नदी के तेज बहाव में वॉचर ने पंकज को तो पकड़ लिया किंतु नितिन पानी के तेज बहाव में बह गया। इस बीच वहां से गुजर रहे ग्रामीणों को जैसे इसकी सूचना लगी तो वहां लोगों का हुजूम उमड़ गया। प्रशासन को घटना की सूचना दी गई। तहसीलदार प्रियंका रानी, एसओ नंदन रावत मय फोर्स नदी में पहुंचे। ग्रामीणों की मदद से की नितिन को खोजने का प्रयास किया गया।
करीब ढाई घंटे के बाद ग्रामीणों को नितिन का शव नदी में पड़े से फंसा हुआ मिला। पुलिस ने नीरज के शव को कालाढूंगी अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। एसओ नंदन रावत ने बताया कि पंचनामे के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
श घोषित किया है।