अवैध असलहों के दो तस्करों को पुलिस और एसओजी की टीम ने धर दबोचा है। दोनों शातिर उत्तर प्रदेश और ऊधमसिंह नगर की सीमा पर स्थित फैक्ट्री से अवैध असलहे आये थे,
जिन्हें वह मुखानी थाना क्षेत्र के लामाचौड़ इलाके में बेचने की फिराक में थे। इनके पास से 315 बोर का तमंचा और 12 बोर की हाथ से बनी बंदूक बरामद की गई है।
रविवार की रात मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता, एसओजी प्रभारी संजीत राठौर और लामाचौड़ चौकी प्रभारी मनोज अधिकारी गश्त पर थे। बावनडांठ नाले के पास एक कार में दो संदिग्ध बैठे दिखे। पुलिस पूछताछ में एक ने खुद को कुसुमखेड़ा निवासी अनिल सिंह पुत्र महेंद्र सिंह और दूसरे ने अपना नाम गैस गोदाम रोड निवासी सर्वेश कुमार पुत्र लाल सिंह बताया।
पुलिस ने कार की तलाशी ली तो अनिल के पास से 12 बोर का अवैध तमंचा मय दो कारतूस और सर्वेश के पास से 12 बोर की एक देसी बंदूक दो कारतूस के साथ बरामद की। पूछताछ में सामने आया कि वह असलहे उत्तर प्रदेश और ऊधमसिंह नगर की सीमा से सटे एक इलाके से लेकर आये थे। माना जा रहा है कि इस इलाके में कहीं असलहों की फैक्ट्री है। आरोपी बरामद असलहे मुखानी थाना क्षेत्र में बेचने आये थे।
कोरोना काल में बेची दारू, अब बने असलहों के तस्कर
अवैध असलहों के साथ गिरफ्तार सर्वेश ने पुलिस की पूछताछ में खुद को बेकसूर बताया। उसने कहा कि वह अनिल के चक्कर में फंस गया। हालांकि अनिल बेहद शातिर है। उसने हर वो गलत काम किया, जिससे वह मोटी कमाई कर सकता था। उसने जुआ की फड़ लगवाई, जंगल से पेड़ काटे, कोरोना काल में अवैध तरीके से शराब बेची, गाड़ी भी चोरी की और अब अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त में जुट गया।