खबर शेयर करें -

हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस ने शुक्रवार को पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया है. सभी बनभूलपुरा इलाके की रहने वाली हैं. इससे पहले हलद्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को 24 फरवरी को और उसके बेटे अब्दुल मोईद को पांच दिन बाद गिरफ्तार किया गया था. हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों और पत्रकारों समेत 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

उत्तराखंड पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा मामले में शुक्रवार को पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि बनभूलपुरा में 8 फरवरी को पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटना हुई थी. इस मामले में कुल 89 गिरफ्तारियां हो गई हैं.

यह भी पढ़ें -  🛕 चारधाम यात्रा को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात

एसएसपी ने बताया कि शुक्रवार को गिरफ्तार की गई पांच महिलाएं शहनाज, सोनी, शमशीर, सलमा और रेशमा हैं. ये सभी बनभूलपुरा इलाके की रहने वाली हैं. हल्द्वानी हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों और पत्रकारों सहित 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. दंगाइयों ने पथराव और आगजनी की थी. उन्होंने कई गाड़ियों और बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया था.

24 फरवरी को हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक गिरफ्तार

एएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने आगे बताया कि  हलद्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को 24 फरवरी को और उसके बेटे अब्दुल मोईद को पांच दिन बाद गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि इससे पहले हल्द्वानी नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए 8 फरवरी को हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में वसूली का नोटिस जारी किया था.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड के इस जिले में आज स्कूल रहेंगे बंद, आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं खुलेंगे

मलिक का बगीचा में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला

यह वसूली नोटिस कुल 2.44 करोड़ रुपये का था, जिसमें मलिक के समर्थकों पर ‘मलिक का बगीचा’ में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला करने और नगर निगम की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई है.

यह भी पढ़ें -  📢 ब्रेकिंग न्यूज़ | जिले में राशन कार्ड फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बड़ा एक्शन 🚨 ❗ 3323 फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए, अब नियम हुए और कड़े 🔍

क्या है हल्द्वानी हिंसा?

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मालिक के बगीचा पर बने अवैध मदरसों और धार्मिक स्थल को तोड़ने के दौरान भारी बवाल मचा था, जिसके बाद इलाके में भारी हिंसा हुई थी. इस हिंसा में कई लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा गाड़ियों को उपद्रवियों ने फूंक दिया था. इसके बाद प्रशासन ने सख्ती करते हुए पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था. हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.