पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पीएम मोदी के पिथौरागढ़ दौरे पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी के इस दौरे को राजनीति से प्रेरित बताया है. साथ ही हरीश रावत ने सरकार पर सीमांत जिले की अनदेखी का भी आरोप लगाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए थे. उन्होंने सबसे पहले पिथौरागढ़ में आदि कैलाश के दर्शन किए, उसके बाद भारत चीन सीमा से सटे गुंजी गांव पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ दौरे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजनीति से प्रेरित बताया है. हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते उत्तराखंड दौरे पर आए थे. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पहुंचे कांग्रेस नेता हरीश रावत ने पीएम मोदी के दौरे पर जमकर निशाना साधा और कहा कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ आए थे, लेकिन जब आपदा के बाद यात्रा सुचारू रूप से चलने लगी, तब उन्होंने केदारनाथ का रुख किया. लेकिन राहुल गांधी ने विपत्ति के समय पैदल चलकर सुरक्षित यात्रा का संदेश दिया.
इसी तरह आदि कैलाश यात्रा बरसों से चल रही है, वहां पर कांग्रेस कार्यकाल में ही कल्चरल होमस्टे का कॉन्सेप्ट प्रारंभ किया, ऐसे में यह कोई नई बात नहीं है. हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश को अगर कुछ दिया भी है तो यह तब माना जाता कि जहां पर उन्होंने उत्तराखंड में आकर अपनी भक्ति दिखाई, उस कैलाश मानसरोवर यात्रा के परंपरागत मार्ग बहाल कर देते. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सिक्किम से कैलाश मानसरोवर यात्रा को प्रारंभ करके प्रदेशवासियों का हक छीना है. उन्होंने मोदी सरकार पर नैनी सैनी हवाई अड्डे की अनदेखी का भी आरोप लगाया है
हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि प्रदेश के विकास के प्रति इतने गंभीर होते तो टनकपुर बागेश्वर जौलजीबी रेलवे लाइन के निर्माण की स्वीकृत करवा देते. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस दिशा में भी कोई काम नहीं किया. उन्होंने उसके बाद जागेश्वर धाम का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान वहां अंतर्राष्ट्रीय योग मेला लगाया जाता था, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे भी बंद कर दिया है. यदि पीएम मोदी उत्तराखंड के प्रति गंभीर होते तो अंतरराष्ट्रीय योग मेले को फिर से प्रारंभ करते.