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कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की है. पार्टी ने 43.90 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए 40 सीटें अपने नाम की हैं. अब इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा. रेस में तीन नाम आगे बताए जा रहे हैं, जिसमें सुखविंदर सिंह सुखू, मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह का नाम शामिल है. हालांकि प्रतिभा सिंह सांसद हैं और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था. जबकि सुखू और अग्निहोत्री ने अपनी सीट पर जीत हासिल की है. दो अन्य नेता आशा कुमारी और कौल सिंह ठाकुर रेस से लगभग बाहर हो गए हैं. कुमारी डलहौजी से 6 बार की विधायक रही हैं. वह अपनी सीट से हार चुकी हैं. जबकि 8 बार के विधायक ठाकुर भी मंडी के ड्रांग क्षेत्र से हार गए हैं.

पार्टी ने बुलाई बैठक

कांग्रेस ने शिमला में हिमाचल प्रदेश में अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों की शुक्रवार को बैठक बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष को विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए अधिकृत करने का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. इससे पहले पार्टी ने अपने सभी विधायकों को चंडीगढ़ बुलाया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद उसने अपना कार्यक्रम बदल दिया. हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस इस बात से खुश है कि उसे राज्य में सरकार बनाने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ’10 गारंटी’ को पूरा करने के लिए सब कुछ करेगी और लोगों को बेहतर शासन मुहैया कराएगी.

सीएम की दौड़ में शामिल नेताओं की प्रोफाइल

सुखविंदर सिंह सुखू

सुखू पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उसकी कैंपेन कमेटी के चीफ भी. उन्होंने मध्य हिमाचल की नादौन सीट से चुनाव लड़ा था. तीन बार के विधायक सुखू की पार्टी कैडर में अच्छी पकड़ है और उनको मुख्यमंत्री के पद के लिए मजबूत दावेदारों में से एक माना जा रहा है. आधिकारिक तौर पर सुखू ने कहा कि मुख्यमंत्री पर फैसला पार्टी हाईकमान करेगा.

मुकेश अग्निहोत्री

चार बार के विधायक मुकेश अग्निहोत्री विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश की हरोली सीट से चुनाव लड़ा था. परिसीमन से पहले उनकी सीट को संतोकगढ़ के नाम से जाना जाता था. इस सीट से पहली बार वह 2003 में चुने गए थे. 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद अग्निहोत्री को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुना गया था.

प्रतिभा सिंह

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं और हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष भी. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मंडी से पहली बार 2004 में चुनाव लड़ा था, जिसमें महेश्वर ठाकुर को मात दी थी. 2013 के उपचुनावों में उन्होंने इसी सीट से बीजेपी नेता जयराम ठाकुर को मात दी थी. बीजेपी के राम स्वरूप शर्मा के निधन के बाद वह सांसद चुनी गईं.

क्या रहा नतीजा

कांग्रेस ने जहां 40 सीटें जीती हैं वहीं 43 फीसदी वोट हासिल करने के बावजूद बीजेपी केवल 25 सीट जीतने में सफल रही. कई सीट पर कम मतों के अंतर से जीत-हार तय हुई. हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए.

हालांकि, पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 68 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने 67 सीट पर, बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 53 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 11 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.

आप अपना खाता खोलने में नाकाम रही, जबकि माकपा भी कोई सीट नहीं जीत पाई और ठियोग से उसके मौजूदा विधायक भी हार गए. आप को 1.10 फीसदी, माकपा को 0.66 फीसदी, बसपा को 0.35 फीसदी और निर्दलीय व अन्य को 10.39 फीसदी, जबकि ‘नोटा’ को 0.59 फीसदी वोट मिले.