वित्त मंत्रालय की तरफ से आजाद भारत के पहले बजट से लेकर अब तक टैक्स पेयर्स को तमाम तरह की सुविधाओं के साथ ही समय-समय पर टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है.
नए साल का आगाज हो गया है. कुछ दिन बाद बजट सत्र शुरू हो जाएगा और 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी. इस बार के बजट से नौकरीपेशा, किसान समेत व्यापारी वर्ग को तमाम तरह की उम्मीदें हैं. वित्त मंत्रालय की तरफ से आजाद भारत के पहले बजट से लेकर अब तक टैक्स पेयर्स को तमाम तरह की सुविधाओं के साथ ही समय-समय पर टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है. मोदी सरकार की तरफ से पिछले दिनों टैक्स पेयर्स के लिए टैक्स की न्यू रिजीम और ओल्ड रिजीम को शुरू किया गया है.
ढाई लाख तक की सालाना आय को आयकर से छूट
दोनों ही रिजीम के टैक्स स्लैब में भी बड़ा अंतर है. एक आंकड़े के अनुसार अधिकतर टैक्स पेयर्स ओल्ड रिजीम को ही चुनते हैं. दोनों ही रिजीम में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय को आयकर से छूट प्राप्त है. लेकिन ढाई लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत का टैक्स है. ओल्ड रिजीम में 5 लाख से 10 लाख रुपये सालाना तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत का टैक्स देना होता है. 10 से 15 लाख तक की सालाना आय या इससे ज्यादा पर 30 प्रतिशत का टैक्स देय होता है.
आइए आज बात करते हैं यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये है और आप रेंट पर रहते हैं. इसके अलावा यदि आप आयकर की धारा 80C के तहत पूरा डेढ़ लाख रुपये का निवेश करते हैं तो आज हम आपका टैक्स कैलकुलेट करते हैं.
ये है पूरा गणित
1. आपकी सालाना आमदनी यदि 10 लाख रुपये है तो वित्त मंत्रालय की तरफ से दिये जाना वाला 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन घटाने पर आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 9.50 लाख रुपये रह गई.
2. इसके बाद यह माना जाता है कि आपने आयकर की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की सेविंग की है. इसमें आप ट्यूशन फी, एलाईसी (LIC), पीपीएफ (PPF), म्यूचुअल फंड (ELSS) और ईपीएफ (EPF) आदि क्लेम कर सकते हैं. इस तरह आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 8 लाख रुपये रह गई.
3. एक लाख रुपये तक के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर आपको मकान मालिक का पैन कार्ड देने की जरूरत नहीं होती. यदि आप इतना ही किराया देते हैं तो आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 7 लाख रुपये रह गई. इसी राशि पर आपको टैक्स देना होगा.
4. ढाई लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 प्रतिशत के हिसाब से 12,500 रुपये टैक्स हुआ. इसके बाद 5 से 7 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत के हिसाब से 40 हजार टैक्स हुआ. इस तरह ढाई लाख से पांच लाख तक कुल टैक्स 52,500 रुपये हुआ.
5. अब इस आपको आपको 4 प्रतिशत के हिसाब से सैस देना होगा, जो कि 2,100 रुपये हुआ. इस तरह 10 लाख की सैलरी पर आपका कुल इनकम टैक्स 54,600 रुपये हुआ